सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए बिहार सरकार मार्च 2026 से बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करेगी। दाखिल-खारिज, परिमार्जन और फर्जी दस्तावेज़ों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी।
पटना: बिहार में जमीन से जुड़े विवाद और सरकारी भूमि पर कब्जे की समस्या लंबे समय से एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार अब कड़े और व्यापक सुधारों की ओर बढ़ रही है।
उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय सिन्हा ने घोषणा की है कि मार्च 2026 से बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर बुलडोजर अभियान चलाया जाएगा, जिसके तहत सरकारी जमीन पर अवैध कब्जों को कठोर कार्रवाई के साथ हटाया जाएगा।
जमीन विवादों पर अब तेज़ कार्रवाई – देरी बर्दाश्त नहीं
विजय सिन्हा ने साफ कहा कि:
“जमीन विवाद, दाखिल-खारिज और परिमार्जन के मामलों में देरी अब बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विभाग के हर स्तर की जवाबदेही तय की जाएगी और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।”
12 दिसंबर से भूमि सुधार जनसंवाद कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, जिसमें रैयतों की समस्याएँ सीधे सुनी जाएँगी और मौके पर समाधान की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में चलेगा बुलडोजर – सरकारी जमीन होगी मुक्त
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जों को हटाने के लिए मार्च 2026 से राज्यव्यापी अभियान चलाया जाएगा।
मुख्य बिंदु:
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सरकारी भूमि से अवैध कब्जे हटाने के लिए बुलडोजर सहित अन्य संसाधनों का इस्तेमाल
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बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन खाली कराई जाएगी
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अतिक्रमणकारियों पर कानूनी कार्रवाई
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जो लोग अवैध कब्जे की जानकारी देंगे, उन्हें विभाग सम्मानित करेगा
विजय सिन्हा ने कहा:
“यह कार्रवाई बुलडोजर से भी आगे की होगी। लक्ष्य है—पूरे राज्य की सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराना।”
दाखिल-खारिज और परिमार्जन पर साप्ताहिक मॉनिटरिंग
अक्सर महीनों तक लंबित रहने वाली दाखिल-खारिज (Mutation) और परिमार्जन (Correction) प्रक्रियाओं पर अब सख्त निगरानी होगी।
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हर हफ्ते समीक्षा अनिवार्य
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जिलों में लंबित फाइलों की सूची तैयार
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देरी होने पर अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई
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फाइल रिजेक्ट करने पर लिखित कारण देना अनिवार्य
विजय सिन्हा ने कहा:
“थैला वाला दफ्तर अब नहीं चलेगा। बिना कारण बताए कोई फाइल नहीं रोकी जाएगी।”
फर्जी कागजात पर बनेगी ‘उड़न दस्तावेज़’ टीम
बिहार में फर्जी जमीन दस्तावेज़ का बड़ा खेल लंबे समय से चिंता का विषय रहा है। इसे रोकने के लिए एक विशेष जांच टीम बनाई जा रही है:
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टीम का नाम होगा उड़न दस्तावेज़
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फर्जी दस्तावेज़ के आधार पर हुए सौदों की जांच
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जमीन माफिया और उनके साथ मिले अफसरों पर कार्रवाई
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विभागीय कर्मियों की भी जांच
उपमुख्यमंत्री ने चेतावनी दी:
“किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के जमीन माफिया से मिले होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
नक्शे और भूमि सूची पंचायत स्तर पर उपलब्ध
ग्रामीण लोगों की सुविधा के लिए:
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पंचायत स्तर पर नक्शा और भूमि सूची उपलब्ध कराई जाएगी
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रैयतों को बार-बार प्रखंड या जिला कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा
राजस्व महाअभियान के तहत आए 46 लाख आवेदनों की अपलोडिंग 31 दिसंबर तक पूरी करने का लक्ष्य है।
भूमि सुधार जनकल्याण संवाद—12 दिसंबर से शुरुआत
यह कार्यक्रम 12 दिसंबर को पटना से शुरू होगा और 100 दिनों के अंदर पूरे बिहार में चलेगा।
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शिकायतकर्ता सीधे अधिकारी और उपमुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्या रख सकेंगे
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मौके पर ही निष्पादन की प्रक्रिया शुरू
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पारदर्शिता और त्वरित समाधान प्राथमिकता
जमीन विवाद सुनेंगे खुद उपमुख्यमंत्री
विजय सिन्हा ने कहा कि वह:
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हर जिले में दो घंटे जमीन विवादों की सुनवाई करेंगे
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शिकायतकर्ता अपनी बात सीधे रख सकेंगे
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सभी कार्यालयों में कामकाज पर निगरानी के लिए कैमरे अनिवार्य किए गए हैं
इससे भ्रष्टाचार और फाइल अटकने की समस्या पर नियंत्रण की उम्मीद है।
बिहार में भूमि सुधार का बड़ा रोडमैप तैयार
भूमि सुधार विभाग में व्यापक बदलाव का समय आ चुका है।
सरकार का फोकस:
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दाखिल-खारिज में तेजी
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परिमार्जन की प्रक्रिया पारदर्शी
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फर्जी दस्तावेज़ों पर कड़ी कार्रवाई
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अवैध कब्जों से सरकारी भूमि मुक्त
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रैयतों की समस्या का तुरंत समाधान
उपमुख्यमंत्री ने कहा:
“परिणाम जल्द दिखेंगे। निगरानी अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होगी।”



