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वक्फ बिल को समर्थन देकर क्या मझधार में फंसे नीतीश कुमार? 3 नेताओं के इस्तीफे पर सियासत गर्म

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वक्फ बिल को समर्थन देकर क्या मझधार में फंसे नीतीश कुमार? 3 नेताओं के इस्तीफे पर सियासत गर्म

वक्फ बिल को समर्थन देने के बाद से बिहार में नीतीश कुमार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर हैं। नीतीश की पार्टी से 3 नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। इसे लेकर बिहार में सियासी हलचल काफी तेज हो गई है।

वक्फ बिल को समर्थन देने के बाद जदयू के कई अल्पसंख्यक नेता नाराज है। पार्टी के बड़े नेता जहां अपना विरोध जता रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ पार्टी में इस्तीफा का दौर भी शुरू हो गया है। पार्टी में विभिन्न पदों पर रहे अल्पसंख्यक नेता इस्तीफा दे रहे हैं। वहीं विपक्ष भी जेडीयू पर काम्युनल होने का आरोप लगा रही है। पटना में पोस्टर के जरिए नीतीश कुमार पर तंज किसे जा रहे हैं।

अल्पसंख्यक नेताओं की नाराजगी

वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद से ही जेडीयू के अल्पसंख्यक नेताओं की नाराजगी सामने आने लगी है। जदयू के अल्पसंख्यक नेता और ढाका विधानसभा से पूर्व प्रत्याशी मो कासिम अंसारी ने अपने पद और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेजे पत्र में कासिम अंसारी ने इस्तीफा दिया है। डॉ कासिम अंसारी के बाद जमुई अल्पसंख्यक प्रदेश सचिव मो शाहनवाज मलिक ने भी इस्तीफा दे दिया।

 

मोहम्मद तबरेज ने सौंपा इस्तीफा

मोहम्मद शाहनवाज ने कहा नीतीश कुमार ने हम मुसलमानों का दिल तोड़ा है, इसलिए उन्हें और JDU को अलविदा कह रहे हैं। इसके बाद जेडीयू अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव मोहम्मद तबरेज सिद्दकी अलीग ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को अपना इस्तीफा भेजा है। इस्तीफे का कारण वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के समर्थन को बताया गया है।

अफजल अब्बास ने जताया विरोध

इससे पहले पार्टी के विधायक गुलाम गौस और बड़े अल्पसंख्यक चेहरे गुलाम रसूल बलियावी भी विरोध जता चुके हैं। जदयू नेता गुलाम रसूल बलियावी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि सभी नंगे हो गए। बलियावी ने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कहा कि कल तक जो सेक्युलर थे आज काम्युनल हो गए। इसके अलावा बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन और जेडीयू नेता सैयद अफजल अब्बास ने भी इस बिल को लेकर नाराजगी जाहिर की है। अफजल अब्बास ने कहा की उनकी पार्टी के सिर्फ तीन सुझावों को शामिल किया गया, जबकि 14 सुझाव दिए गए थे। यह जल्दबाजी में लाया गया बिल है।

फर्जी इस्तीफे- राजीव रंजन

पार्टी नेताओं के इस बयान के बाद जदयू के अंदर खलबली मची हुई है। हालांकि पार्टी की तरफ से प्रवक्ताओं ने गुलाम रसूल बलियावी के बयान पर सफाई दी है। हालांकि पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन इन इस्तीफे को फर्जी बताते हैं। उनका कहना है की जो लोग इस्तीफा दे रहे हैं वो संगठन के किसी पद पर नहीं हैं। उन्हें संगठन में कोई जानता तक नहीं है। पार्टी पूरी तरह से एकजुट है और सब पूरी एकता के साथ पार्टी के साथ है।

RJD ने साधा निशाना

उधर जेडीयू नेताओं के बयान पर आरजेडी ने बड़ा बयान दिया है। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जेडीयू ने जिस तरह से वक्फ बिल पर समर्थन दिया, उससे सभी हैरान हैं। इससे साफ हो गया कि जेडीयू बीजेपी के एक प्रकोष्ठ की तरह काम कर रहा है। जल्द ही जेडीयू का बीजेपी में विलय हो जायेगा। मृत्युंजय तिवारी ने कहा की जेडीयू के नेता अब हमारी पार्टी के सम्पर्क में हैं।

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