बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल धीरे-धीरे बन रहा है। ऐसे समय में सीतामढ़ी का एक दुर्गा पूजा पंडाल चर्चा का केंद्र बना हुआ है। नवरात्रि के मौके पर यहां ईवीएम मशीन के आकार का पंडाल तैयार किया गया है, जो आस्था के साथ-साथ लोकतंत्र और मतदान का संदेश भी दे रहा है।
सीतामढ़ी में अनोखा दुर्गा पंडाल बना आकर्षण का केंद्र
12 लाख की लागत से तैयार ईवीएम थीम वाला पंडाल
मां शक्ति पूजा समिति ने इस पंडाल को तैयार करने में लगभग 12 लाख रुपये खर्च किए हैं। यह पंडाल बाहर से बिल्कुल ईवीएम मशीन जैसा दिखाई देता है।
पंडाल में ईवीएम और वीवीपैट का प्रदर्शन
पंडाल के अंदर ईवीएम मशीन की तरह 17 देवी-देवताओं के नाम और चुनाव चिह्न दिए गए हैं। इतना ही नहीं, यहां वीवीपैट मशीन भी लगाई गई है, जिससे श्रद्धालु समझ सकें कि वोट डालने के बाद किस तरह पर्ची निकलती है।
देवी-देवताओं को बनाया गया प्रत्याशी
भगवान और देवियों के चुनाव चिह्न
हर देवी-देवता के सामने अलग-अलग चुनाव चिह्न दिए गए हैं। उदाहरण के लिए:
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भगवान गणेश – फरसा
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भगवान शिव – दीपक
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भगवान विष्णु – चक्र
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भगवान श्रीराम – धनुष-बाण
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भगवान श्रीकृष्ण – बांसुरी
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मां सरस्वती – वीणा
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मां दुर्गा – त्रिशूल
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मां काली – हंसुआ
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मां लक्ष्मी – कलश
18वें स्थान पर NOTA का विकल्प
लोकतांत्रिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए ईवीएम के 18वें स्थान पर NOTA का विकल्प भी दिया गया है।
35% महिला आरक्षण का अनोखा संदेश
देवी-देवताओं की भागीदारी
कुल 17 प्रत्याशियों में से 6 देवियां शामिल हैं। यानी लगभग 35% आरक्षण महिलाओं के लिए।
महिला सशक्तिकरण की झलक
इस पंडाल से यह संदेश दिया गया है कि लोकतंत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़नी चाहिए और वे भी समाज में बराबरी की हकदार हैं।
श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ और सेल्फी का क्रेज
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा पंडाल
लोग यहां आकर ईवीएम और वीवीपैट मशीन जैसी संरचना के साथ सेल्फी खींच रहे हैं और उन्हें सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं।
धार्मिक आस्था के साथ लोकतंत्र का संदेश
इस अनोखे मेल से लोग पूजा-अर्चना भी कर रहे हैं और लोकतांत्रिक जिम्मेदारियों को भी समझ रहे हैं।
पूजा समिति की परंपरा: हर साल नए थीम वाले पंडाल
पहले बने मिसाइल और चंद्रयान थीम वाले पंडाल
सीतामढ़ी की पूजा समितियां हर साल अलग-अलग थीम पर पंडाल बनाती रही हैं। इससे पहले मिसाइल, चंद्रयान और राष्ट्रीय मुद्दों पर आधारित पंडाल भी बनाए गए थे।
नए मतदाताओं को जागरूक करने का अभियान
मतदान की प्रक्रिया को समझाने का प्रयास
पंडाल का मुख्य उद्देश्य यही है कि नए मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया से परिचित कराया जाए।
युवाओं के लिए सुरक्षा बलों का प्रदर्शन
यहां वज्रवाहन भी बनाया गया है, ताकि युवाओं को यह दिखाया जा सके कि मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बल किस तरह तैनात रहते हैं।
स्थानीय लोगों और समिति के विचार
सुनील हाथी का बयान
मां शक्ति पूजा समिति के पूर्व अध्यक्ष सुनील हाथी ने कहा –
“लोकतंत्र का महापर्व होने वाला है। इसलिए इस बार नए मतदाताओं को जागरूक करने के लिए पंडाल को ईवीएम की आकृति दी गई है।”
लोकतंत्र और आस्था का संगम
यह पंडाल सिर्फ पूजा स्थल नहीं, बल्कि लोकतंत्र की सीख देने वाला एक अनूठा माध्यम है। यहां आस्था और लोकतंत्र का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
FAQs
Q1: सीतामढ़ी में ईवीएम थीम वाला पंडाल क्यों बनाया गया है?
👉 नए मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया से जागरूक करने और महिला आरक्षण का संदेश देने के लिए।
Q2: इस पंडाल की लागत कितनी आई है?
👉 करीब 12 लाख रुपये की लागत से इसे तैयार किया गया है।
Q3: इसमें कितने देवी-देवताओं को प्रत्याशी बनाया गया है?
👉 कुल 17 देवी-देवताओं को और 18वें स्थान पर NOTA रखा गया है।
Q4: पंडाल में महिला आरक्षण का संदेश कैसे दिया गया है?
👉 17 प्रत्याशियों में से 6 देवियां शामिल हैं, यानी लगभग 35% महिला आरक्षण।
Q5: श्रद्धालुओं की क्या प्रतिक्रिया है?
👉 लोग यहां सेल्फी ले रहे हैं और सोशल मीडिया पर इसे खूब साझा कर रहे हैं।
Q6: क्या पहले भी ऐसे थीम वाले पंडाल बनाए गए हैं?
👉 हां, इससे पहले मिसाइल और चंद्रयान जैसे पंडाल बनाए गए थे।
निष्कर्ष
सीतामढ़ी का यह ईवीएम थीम वाला दुर्गा पंडाल सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र, महिला सशक्तिकरण और मतदान के महत्व का संदेश भी दे रहा है। इस तरह के नवाचार समाज को जागरूक करने में अहम भूमिका निभाते हैं।



