
अररिया:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में टिकट वितरण को लेकर सियासी दलों के भीतर मची उथल-पुथल के बीच अररिया से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है।
बीजेपी नेता पंडित अजय झा को जब टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने कफन ओढ़कर विरोध प्रदर्शन किया।
उनकी पत्नी संजू झा, जो खुद बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य हैं, ने पार्टी पर ब्राह्मणों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया।
बीजेपी नेता का दर्द – टिकट नहीं, तो कफन ही सही
अररिया जिले के आश्रम मोहल्ला वार्ड संख्या 14 में बीजेपी नेता अजय झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने दर्द का इज़हार किया।
कहा जा रहा है कि पार्टी से नरपतगंज विधानसभा सीट से टिकट न मिलने पर वे बेहद निराश हो गए।
निराशा इतनी गहरी थी कि उन्होंने कफन मंगवाकर उसे ओढ़ लिया, जिससे समर्थकों और स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, अजय झा ने इससे पहले भी कहा था कि
“अगर पार्टी ने ब्राह्मणों के साथ न्याय नहीं किया, तो मैं आत्मदाह कर लूंगा।”
हालांकि, परिवार और शुभचिंतकों के हस्तक्षेप के बाद उन्हें समझाया गया और स्थिति नियंत्रण में आई।
पत्नी संजू झा का आरोप – “BJP में ब्राह्मणों के लिए जगह नहीं”
बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य संजू झा ने अपने पति के साथ प्रेस वार्ता में पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा —
“बीजेपी आलाकमान ने नरपतगंज को यादवों की सीट और फारबिसगंज को बनियों की सीट घोषित कर दिया है।
ऐसे में ब्राह्मणों के लिए पार्टी में कोई जगह नहीं बची है।”
संजू झा ने कहा कि उनके पति अजय झा ने वर्षों तक पार्टी के लिए तन, मन और धन से काम किया,
लेकिन पार्टी ने उन्हें ‘जाति के आधार पर’ टिकट नहीं दिया।
संजू झा ने किया निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान
संजू झा ने ऐलान किया कि वे नरपतगंज विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगी।
उन्होंने कहा —
“नरपतगंज मेरा क्षेत्र है। मेरा मायका और ससुराल दोनों यही हैं।
अब मैं अपने पति के सम्मान और ब्राह्मण समाज की प्रतिष्ठा के लिए यह चुनाव लड़ूंगी।”
उन्होंने अपने समर्थकों से अपील की कि वे “जातिवाद और अन्याय” के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ें।
बीजेपी में टिकट वितरण को लेकर नाराजगी बढ़ी
बिहार में इस बार बीजेपी में टिकट वितरण को लेकर कई वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी खुलकर सामने आ रही है।
अररिया, कटिहार, सीवान और दरभंगा जैसे जिलों में पार्टी कार्यकर्ता और पुराने नेता खुद को “पार्टी द्वारा नजरअंदाज” महसूस कर रहे हैं।
पंडित अजय झा का मामला इस बढ़ती असंतुष्टि का सबसे ताजा उदाहरण है।
वे पिछले दो दशकों से पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं और संगठन में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं।
जातीय समीकरणों को लेकर विवाद
संजू झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बीजेपी के भीतर जातीय समीकरण के नाम पर टिकट बांटे जा रहे हैं।
“फारबिसगंज को बनिया सीट, नरपतगंज को यादव सीट घोषित कर दिया गया।
तो सवाल है कि ब्राह्मण समाज कहां जाए?”
उन्होंने कहा कि जब पार्टी समाज के हर वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की बात करती है,
तो ब्राह्मण समाज को बाहर क्यों रखा जा रहा है?
अजय झा का लंबा राजनीतिक सफर
पंडित अजय झा बीजेपी से जुड़े एक पुराने और समर्पित कार्यकर्ता हैं।
उन्होंने कई बार जिला कार्यकारिणी सदस्य के रूप में काम किया है और पार्टी के लिए अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उनके समर्थकों के अनुसार, वे अररिया और नरपतगंज दोनों इलाकों में ब्राह्मण समाज के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं।
आत्महत्या की कोशिश की खबर से मचा हड़कंप
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, टिकट नहीं मिलने से निराश अजय झा ने कथित रूप से आत्महत्या की कोशिश की थी।
जैसे ही उनके कफन ओढ़ने की खबर फैली, स्थानीय नेता, परिवार और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचे।
काफी समझाने-बुझाने के बाद उन्होंने खुद को शांत किया।
बीजेपी नेतृत्व ने दिया बयान
पार्टी के जिलाध्यक्ष ने इस विवाद पर कहा —
“बीजेपी में हर समुदाय और हर वर्ग के लिए समान अवसर हैं।
टिकट वितरण केंद्रीय नेतृत्व के सर्वे और रणनीति के आधार पर किया गया है।
किसी भी नेता को निजी तौर पर नाराज नहीं होना चाहिए।”
हालांकि, स्थानीय कार्यकर्ताओं के बीच यह बयान तनाव कम नहीं कर सका।
बिहार में चुनावी माहौल गरमाया
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 दो चरणों में होने हैं —
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पहला चरण: 6 नवंबर
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दूसरा चरण: 11 नवंबर
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परिणाम: 14 नवंबर
चुनाव के ऐलान के बाद से ही राज्य में बगावत, टिकट कटौती और जातिगत समीकरणों को लेकर सियासी तापमान बढ़ गया है।
निष्कर्ष
अररिया का यह मामला बताता है कि बिहार चुनाव में टिकट वितरण सिर्फ संगठनात्मक नहीं, बल्कि सामाजिक और भावनात्मक मुद्दा भी बन चुका है।
पंडित अजय झा का कफन ओढ़ना और उनकी पत्नी संजू झा का निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान,
बीजेपी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है — खासकर ब्राह्मण वोट बैंक को लेकर।
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. अजय झा कौन हैं?
👉 अररिया के बीजेपी नेता और लंबे समय से पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं।
Q2. उन्हें टिकट क्यों नहीं मिला?
👉 पार्टी ने सीट को जातीय समीकरण के आधार पर यादव उम्मीदवार के लिए सुरक्षित कर दिया।
Q3. उनकी पत्नी कौन हैं?
👉 संजू झा, जो बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य हैं।
Q4. संजू झा ने क्या फैसला लिया है?
👉 नरपतगंज विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
Q5. अजय झा ने आत्महत्या की कोशिश क्यों की?
👉 टिकट न मिलने से गहरी निराशा में उन्होंने विरोधस्वरूप ऐसा कदम उठाया, हालांकि अब वे सुरक्षित हैं।
🔗 स्रोत:
Election Commission of India – Bihar Assembly Elections 2025