
पटना, 24 सितंबर।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को एक के बाद एक कई लोकलुभावन योजनाओं का ऐलान किया। इन घोषणाओं में मुफ्त बिजली, बेरोजगारी भत्ता, कपड़ा भत्ता, पेंशन बढ़ोतरी और महिला उद्यमियों के लिए रोजगार योजना शामिल हैं।
मुफ्त बिजली का वादा
जहाँ विपक्ष ने 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का वादा किया था, वहीं नीतीश कुमार ने घोषणा की कि उपभोक्ताओं को हर महीने 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलेगी।
भत्ते और सुविधाएँ
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विकास मित्रों को टैबलेट खरीदने के लिए ₹25,000 का एकमुश्त भत्ता,
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उनका परिवहन भत्ता ₹1,900 से बढ़ाकर ₹2,500 और स्टेशनरी भत्ता ₹900 से बढ़ाकर ₹1,500 किया गया,
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30,000 से अधिक शिक्षा सेवक और तालीमी मरकज़ को स्मार्टफोन खरीदने के लिए ₹10,000 दिए जाएंगे,
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16 लाख निर्माण श्रमिकों को कपड़ा भत्ता ₹5,000 प्रति वर्ष मिलेगा,
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जीविका, आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय भी बढ़ाया गया।
बेरोजगार युवाओं के लिए योजना
सरकार ने स्नातक और 12वीं पास लेकिन बेरोजगार युवाओं के लिए ₹1,000 प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता (दो वर्षों तक) देने की घोषणा की।
महिला उद्यमियों के लिए रोजगार योजना
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को पहली किस्त में ₹10,000 और बाद में बिजनेस की समीक्षा के आधार पर ₹2 लाख तक का सहयोग मिलेगा।
पेंशन बढ़ोतरी
जून 2025 में पेंशन ₹700 से बढ़ाकर ₹1,100 की गई थी। यह राशि 1.11 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगों के बैंक खातों में सीधे भेजी जा चुकी है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
विपक्ष का हमला
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युञ्जय तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार केवल विपक्ष के वादों की नकल कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता अब इस “पुरानी, जर्जर सरकार” को हटाकर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाएगी।
जेडीयू का बचाव
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार एक दूरदर्शी नेता हैं जिन्होंने 20 सालों में बिहार को भ्रष्टाचार मुक्त शासन और कानून का राज दिया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई घोषणाएँ बिहार को पूर्वी भारत का विकास इंजन बना देंगी।
निष्कर्ष
चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार की यह घोषणाएँ बिहार की राजनीति में बड़ा असर डाल सकती हैं। विपक्ष जहाँ इसे चुनावी ‘फ्रीबीज’ बता रहा है, वहीं एनडीए का दावा है कि ये योजनाएँ राज्य की जनता के विकास और सशक्तिकरण के लिए हैं।