
प्रेशर पॉलिटिक्स या महागठबंधन में सब सही नहीं, तेजस्वी के नए ऐलान के क्या हैं मायने?
पटना: बिहार चुनाव 2025 से पहले राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है।
मुजफ्फरपुर की एक रैली में तेजस्वी यादव ने बड़ा बयान देकर हलचल मचा दी।
उन्होंने कहा कि –
“243 सीटों पर तेजस्वी यादव चुनाव लड़ेगा… तेजस्वी को देखकर ही वोट दीजिएगा।”
इस बयान के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह प्रेशर पॉलिटिक्स है या फिर महागठबंधन (INDIA Alliance) के भीतर खटपट का संकेत।
प्रेशर पॉलिटिक्स का इशारा
तेजस्वी के इस बयान को सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस पर दबाव बनाने की रणनीति माना जा रहा है।
आरजेडी अधिक सीटों की मांग कर रही है, लेकिन हाल ही में अन्य दलों के गठबंधन में शामिल होने से समीकरण जटिल हो गए हैं।
इसी तरह का दबाव पहले चिराग पासवान ने भी एनडीए के भीतर बनाने की कोशिश की थी।
कांग्रेस से असमंजस
कुछ समय पहले राहुल गांधी ने बिहार दौरे पर तेजस्वी के साथ मंच साझा किया था, लेकिन जब उनसे सीएम फेस को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट जवाब देने से बचा लिया।
इससे तेजस्वी की स्थिति असहज हुई और अब उन्होंने खुद को सीएम प्रोजेक्ट कर कांग्रेस को सीधा संदेश देने की कोशिश की है।
सीट शेयरिंग पर फंसा पेंच
हाल ही में महागठबंधन में शामिल वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने दावा किया था कि 15 सितंबर तक सीट शेयरिंग का ऐलान होगा।
लेकिन जानकारों के मुताबिक छोटे दल बड़ी डिमांड कर रहे हैं और फिलहाल स्थिति साफ नहीं हो पाई है।
कांग्रेस का दावा है कि गठबंधन एकजुट है और 243 सीटों पर साथ मिलकर चुनाव लड़ा जाएगा।
पिछले चुनाव का हाल
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आरजेडी: 144 सीटों पर लड़ा, 75 सीट जीती
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कांग्रेस: 70 सीटों पर लड़ी, 19 सीट जीती
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भाकपा (एम-एल): 19 सीटों पर लड़ी
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भाकपा: 6 सीटों पर लड़ी
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भाकपा (मार्क्सवादी): 4 सीटों पर लड़ी
इस बार समीकरण और भी पेचीदा हैं क्योंकि महागठबंधन में शामिल दलों की संख्या बढ़ गई है।
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