
पटना/पूर्णिया:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की आहट के बीच राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं। अब सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन में खुली चर्चा शुरू हो गई है। पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने शनिवार शाम महागठबंधन को टिकट बंटवारे का तरीका सुझाया है और कमजोर दलों को टिकट मांगने से पहले सोचने की सलाह दी है।
📣 लोकसभा प्रदर्शन के आधार पर हो सीट बंटवारा: पप्पू यादव
पप्पू यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि
“महागठबंधन में सीटों का बंटवारा पिछले लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन के आधार पर हो। कांग्रेस का स्ट्राइक रेट सबसे अच्छा रहा, मुझे मिलाकर।”
उन्होंने आगे लिखा कि
“जिन दलों की पिछली बार जमानत जब्त हो गई, उन्हें इस बार सीट मांगने से पहले आत्ममंथन करना चाहिए।”
🤝 महागठबंधन में कौन-कौन सी पार्टियां हैं?
बिहार महागठबंधन में ये पार्टियां शामिल हैं:
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राष्ट्रीय जनता दल (RJD)
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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)
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सीपीआई (CPI)
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सीपीआई (मार्क्सवादी) – CPIM
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सीपीआई (ML) लिबरेशन
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वीआईपी (मुकेश सहनी) (समर्थक दल)
🧑⚖️ तेजस्वी यादव होंगे मुख्यमंत्री चेहरा
महागठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक पटना में हुई जिसमें चार घंटे तक रणनीति पर मंथन चला। मीटिंग के बाद आरजेडी ने आधिकारिक घोषणा की कि सभी सहयोगी दलों ने एकमत से तेजस्वी यादव को सीएम फेस के तौर पर मंजूरी दी है।
⚖️ कांग्रेस दिखा रही लचीलापन
राहत की बात यह रही कि कांग्रेस ने अब तक किसी तरह के सीट विवाद को जन्म नहीं दिया है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस 60 के करीब सीटों पर समझौता करने को तैयार है, बशर्ते उन्हें उनकी परंपरागत मजबूत सीटें दी जाएं।
📌 निष्कर्ष:
बिहार चुनाव की तैयारी अब असल मुद्दों पर आ गई है — सीट बंटवारा, चेहरा और रणनीति। पप्पू यादव की स्पष्ट और सीधी बातों ने गठबंधन की अंदरूनी राजनीति को गर्मा दिया है। देखना दिलचस्प होगा कि इस सुझाव को तेजस्वी यादव और अन्य दल किस तरह लेते हैं, और क्या यह फार्मूला आगे चलकर किसी विवाद या संतुलन का कारण बनता है।