
Bihar Flood: गंडक नदी में भारी उफान, 5 साल बाद सबसे ज्यादा पानी; कई जिलों में बाढ़ का खतरा
नेपाल में जबरदस्त बारिश के बाद बिहार में गंडक नदी में भारी उफान है। नदी में पिछले पांच सालों में सर्वाधिक पानी है। इसके बाद कई इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है। लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं। बड़ी संख्या में लोगों ने आस-पास के गांवों में शरण ली है। खासकर गोपालगंज जिले की स्थिति अधिक खराब है। पश्चिमी और पूर्वी चंपारण पर भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बाघमति, अधवाड़ा, कमला बलान समेत उत्तर बिहार की कई और नदियों का जलस्तर भी इसके कारण बढ़ रहा है। जल संसाधन विभाग ने सभी क्षेत्रीय इंजीनियरों को अलर्ट करते हुए गंडक तटबंधों की दिन-रात चौकसी शुरू कर दी है। रात्रिकालीन पेट्रोलिंग भी की जा रही है।
गंडक नदी में शुक्रवार को 4.45 लाख क्यूसेक पानी आ गया। यह 2017 के बाद सर्वाधिक है। नदी के जलग्रहण क्षेत्र में पिछले 48 घंटो से जमकर बारिश हो रही है। यहां पोखरा में इस दौरान लगभग 200 मिलीमीटर जबकि भैरवा में 170 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। इतनी बारिश के बाद नदी में अचानक पानी का सैलाब आ गया। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गंडक नदी के वाल्मीकिनगर बराज के सारे 36 फाटक गुरुवार को ही खोल दिए गए। इसके बावजूद पानी की मात्रा लगातार बढ़ती ही रही। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को गंडक बराज में बाढ़ की स्थिति का जायजा भी लिया।
गंडक नदी में अचानक बढ़ा पानी
नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के बाद तटबंधों पर भारी दबाव पैदा हो गया है। कुछ स्थानों पर स्पर क्षतिग्रस्त होने की भी खबर है। दो स्परों पर कटाव के बाद उनकी युद्धस्तर पर मरम्मत की जा रही है। जल संसाधन विभाग का दावा है कि सारी स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। तटबंध पर दबाव है, लेकिन उसकी निगरानी की जा रही है। रात में भी इंजीनियरों को सुरक्षाकर्मियों के साथ पेट्रोलिंग करने को कहा गया है।
48 घंटे पहले गंडक नदी में मात्र 48 हजार क्यूसेक पानी था। लेकिन नेपाल में बारिश के बाद इसका जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा। 24 घंटे पहले इसका जलस्तर दो लाख क्यूसेक को पार कर गया और आज यह 4.45 लाख क्यूसेक के ऊपर पहुंच गया।
गंडकन नदी वाल्मीकिनगर से बिहार में प्रवेश करती है और सारण में गंगा में मिलती है। यह नदी पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, वैशाली, मुजफ्फरपुर और सारण जिले से होकर बहती है।
सर्वाधिक जलस्तर:
वर्ष जलस्तर
2022 4.45 लाख क्यूसेक
2021 4.12 लाख क्यूसेक
2020 4.36 लाख क्यूसेक
2019 2.15 लाख क्यूसेक
2018 1.89 लाख क्यूसेक
2017 5.24 लाख क्यूसेक
गंडक के पानी से कई जिलों में बाढ़ का खतरा
गोपालगंज के बैकुंठपुर, गोपालगंज सदर, मांझागढ़, सिधवलिया, बरौली व बैकुंठपुर के तटवर्ती 45 गांवों में बाढ़ आने की आशंका है। उधर सदर प्रखंड के जागीरी टोला, रामनगर, कटघरवा, मकसूदपुर, मेहंदिया आदि गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। चार सड़कों पर दो से तीन फीट पानी बह रहा है। आंगनबाड़ी केंद्र व स्कूल में पानी घुस गया है। बाढ़ प्रभावित अंचलों में प्रशासन की ओर ग्रामीणों से सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की अपील की जा रही है। शनिवार को स्थिति विकट होने की आशंका है। बरौली प्रखंड के सिकटिया में स्लुइस गेट के समीप रिसाव हो रहा है। वहीं रिंग बांध करीब एक मीटर में धंस गया है। वहां जल संसाधन विभाग के पदाधिकारी कैंप कर निरोधात्मक कार्य करा रहे हैं।