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Bihar Gold Reserve: यूपी या कर्नाटक नहीं, अब बिहार बना ‘गोल्ड किंग’, जमुई की धरती में छिपा 222.8 मिलियन टन सोना

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Bihar Gold Reserve 1

पटना:
जब कभी भारत में सोने के भंडार (Gold Reserve) की चर्चा होती है,
तो आमतौर पर कर्नाटक के कोलार या हुत्ती गोल्ड माइंस का नाम सबसे पहले आता है।
मगर इस बार कहानी पलट गई है —
क्योंकि भारत का नया “सोनामीनार” अब बिहार बन चुका है।

जमुई जिले में की गई भू-वैज्ञानिक जांच में
करीब 222.8 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क (Gold Ore) मिलने की पुष्टि हुई है।
यह भारत के कुल स्वर्ण संसाधनों का 44% हिस्सा है।
यानी अब भारत का असली “Gold King” न कर्नाटक है, न राजस्थान — बल्कि बिहार है।


जमुई की धरती का ‘सुनहरा खजाना’

भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (GSI) की रिपोर्ट के अनुसार,
बिहार के जमुई जिले के कई इलाकों — Sono, Khaira, Sikandra और Jhajha ब्लॉक
की चट्टानों में सोने के अयस्क की उच्च सांद्रता पाई गई है।

कुल अनुमानित भंडार: 222.88 मिलियन टन
स्वर्ण अंश: लगभग 44% भारत के कुल गोल्ड रिसोर्स का हिस्सा
गहराई: 50 मीटर से लेकर 300 मीटर तक

भूविज्ञानियों का कहना है कि यह भारत की सबसे बड़ी गोल्ड बेल्ट (Gold Belt) में से एक है,
और यदि इसका व्यावसायिक दोहन शुरू होता है,
तो बिहार भारत की आर्थिक रीढ़ बन सकता है।


भारत की अर्थव्यवस्था में सोने का महत्व

सोना भारत की संस्कृति, परंपरा और अर्थव्यवस्था — तीनों का अभिन्न हिस्सा है।
यह न केवल आभूषणों और निवेश के रूप में प्रिय है,
बल्कि देश की मौद्रिक स्थिरता और विदेशी भंडार (Forex Reserve) का भी अहम आधार है।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास लगभग 822 टन सोना विदेशी मुद्रा भंडार में शामिल है।
अब जब देश के अंदर इतना बड़ा भंडार मिल गया है,
तो इससे आयात पर निर्भरता घटेगी और राष्ट्रीय आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।


बिहार बना स्वर्ण युग का प्रतीक

जमुई की इस खोज ने बिहार को
भारत की मिनरल इकॉनमी (Mineral Economy) का केंद्र बना दिया है।

नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक,
अगर इस परियोजना पर वास्तविक खनन शुरू होता है,
तो बिहार की GDP में 15% तक की वृद्धि संभव है।
खनन, परिशोधन (refining), परिवहन और उद्योगों के माध्यम से
लाखों रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं।

मुख्य लाभ:

  • 💰 राज्य को भारी रॉयल्टी और टैक्स राजस्व

  • 🏭 खनन व प्रोसेसिंग उद्योगों का विकास

  • 👷 स्थानीय रोजगार और कौशल विकास

  • 🌐 विदेशी निवेश (FDI) के लिए आकर्षण


कर्नाटक और राजस्थान पीछे छूटे

अब तक भारत के गोल्ड मैप पर कर्नाटक और राजस्थान शीर्ष पर थे।
कर्नाटक की हुत्ती गोल्ड माइंस (Hutti Gold Mines) और
राजस्थान के भीलवाड़ा-बांसवाड़ा गोल्ड ब्लॉक प्रमुख स्रोत माने जाते थे।

लेकिन जमुई में मिले 222.8 मिलियन टन अयस्क ने
इन दोनों राज्यों को पीछे छोड़ दिया है।

राज्य अनुमानित सोना भंडार (मिलियन टन) हिस्सेदारी (%)
बिहार (जमुई) 222.88 44%
कर्नाटक 129.6 26%
राजस्थान 68.3 13%
झारखंड 32.1 6%
अन्य राज्य 55.4 11%

यह स्पष्ट है कि बिहार अब देश का “Gold Powerhouse” बनकर उभरा है।


निवेश और खनन की नई दिशा

जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) और नीति आयोग
ने बिहार और राजस्थान के गोल्ड बेल्ट में
विस्तृत सर्वेक्षण और पायलट प्रोजेक्ट्स की सिफारिश की है।

विदेशी खनन कंपनियाँ, खासकर कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका की एजेंसियाँ,
पहले ही बिहार के सोने की संभावनाओं पर रुचि दिखा रही हैं।

राज्य सरकार भी अब
“Bihar Mineral Exploration Policy 2025” लाने की तैयारी में है,
जिससे खनिज संसाधनों के उपयोग और निवेश को बढ़ावा दिया जा सके।


सोने से आत्मनिर्भर भारत की ओर

भारत हर साल लगभग 1,000 टन सोने का आयात करता है,
जिससे देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर भारी बोझ पड़ता है।

अगर बिहार में यह खनन परियोजना शुरू होती है,
तो भारत सोने के आयात पर निर्भरता घटाकर
“स्वर्ण आत्मनिर्भरता (Gold Self-Reliance)” की दिशा में बढ़ सकता है।

यह कदम न केवल
राज्य की आर्थिक स्थिति बदलेगा,
बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता को भी नई मजबूती देगा।


बिहार की जनता में उत्साह

जमुई, खैरा और सिकंदरा जैसे इलाकों में
स्थानीय लोगों में इस खोज को लेकर जबरदस्त उत्साह है।
लोग इसे “बिहार का नया सोने का युग” बता रहे हैं।

स्थानीय शिक्षक राकेश तिवारी कहते हैं —

“बिहार हमेशा से संस्कृति और ज्ञान की भूमि रहा है,
अब यह समृद्धि की भूमि बनने जा रहा है।”


सरकार की प्रतिक्रिया

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा —

“यह खोज बिहार के लिए गौरव का क्षण है।
सरकार पूरी जिम्मेदारी से इस परियोजना को आगे बढ़ाएगी,
ताकि राज्य और देश दोनों को लाभ मिले।”

उन्होंने संकेत दिया कि
केंद्र और राज्य सरकार मिलकर एक संयुक्त कार्ययोजना (Joint Mining Strategy) तैयार करेंगे।


FAQs: बिहार गोल्ड रिजर्व से जुड़ी मुख्य बातें

Q1. बिहार में कहाँ सोने का भंडार मिला है?
👉 बिहार के जमुई जिले के सोनो, सिकंदरा और झाझा क्षेत्रों में।

Q2. कितना सोना मिला है?
👉 करीब 222.8 मिलियन टन सोने का अयस्क, जो भारत के कुल भंडार का 44% हिस्सा है।

Q3. क्या यह खनन के लिए तैयार है?
👉 अभी सर्वेक्षण पूरा हुआ है; व्यावहारिक खनन की प्रक्रिया नीति आयोग और GSI की मंजूरी के बाद शुरू होगी।

Q4. क्या विदेशी निवेशक इसमें रुचि दिखा रहे हैं?
👉 हाँ, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की कई खनन कंपनियाँ बिहार के गोल्ड ब्लॉक में रुचि ले रही हैं।

Q5. क्या इससे बिहार की अर्थव्यवस्था बदल जाएगी?
👉 विशेषज्ञों के मुताबिक, यह बिहार की GDP में 15% तक की बढ़ोतरी कर सकता है।

Q6. क्या इससे भारत की गोल्ड आयात निर्भरता घटेगी?
👉 हाँ, यह भारत को आंशिक रूप से स्वर्ण आत्मनिर्भर बना सकता है।


💰 निष्कर्ष

बिहार के जमुई जिले में मिला यह स्वर्ण भंडार सिर्फ खनिज खोज नहीं — बल्कि आर्थिक क्रांति की शुरुआत है।
कभी “अविकसित” कहे जाने वाले बिहार की धरती
अब भारत की नई स्वर्ण राजधानी (Gold Capital) बनने की ओर बढ़ रही है।

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