
बिहार सड़क हादसा मुआवजा योजना: क्यों है खास?
सड़क दुर्घटनाओं और हिट एंड रन मामलों में पीड़ितों को मुआवजा दिलाने के मामले में बिहार ने देश के अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। ट्रैफिक पुलिस और बीमा कंपनियों के समन्वय से राज्य ने एक ऐसा तंत्र बनाया है, जिसने सड़क हादसा पीड़ितों को समय पर राहत दी है।
पिछले डेढ़ साल में 1626 मामलों में कुल 84.19 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित किया गया। इसके अलावा, हिट एंड रन के 5830 मामलों में भी समय पर मुआवजा दिया गया।
मुआवजे की श्रेणियां
बिहार में सड़क दुर्घटनाओं को दो श्रेणियों में बांटा गया है:
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जहां वाहन और चालक की पहचान होती है
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जहां दुर्घटना के बाद वाहन/चालक फरार हो जाता है (हिट एंड रन)
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गंभीर चोट: 50,000 रुपये
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मृत्यु: 2,00,000 रुपये
यह राहत राशि पीड़ित परिवार को आर्थिक सहारा देती है और उन्हें लंबी कानूनी लड़ाई से बचाती है।
मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण
बिहार सरकार ने सड़क दुर्घटना मामलों का त्वरित निपटारा सुनिश्चित करने के लिए 10 जिलों में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) का गठन किया है। इनमें शामिल हैं:
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पटना
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सारण
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पूर्णिया
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गया
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डेहरी
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सहरसा
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मुंगेर
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दरभंगा
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मुजफ्फरपुर
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भागलपुर
इन न्यायाधिकरणों की सक्रियता से अब सड़क दुर्घटना मामलों का निपटारा समयबद्ध तरीके से हो रहा है।
समयबद्ध प्रक्रिया और जवाबदेही
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दुर्घटना के 48 घंटे के भीतर अनुसंधान पदाधिकारी को फार्म-2 पीड़ित या आश्रित को उपलब्ध कराना होता है।
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90 दिनों में चार्जशीट दायर करनी होती है।
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6 महीने के भीतर मुआवजा राशि का भुगतान होना चाहिए।
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यदि पीड़ित असंतुष्ट है तो वह 12 महीने के भीतर MACT में अपील कर सकता है।
इससे साफ है कि बिहार सरकार ने न केवल मुआवजा देने बल्कि प्रक्रिया को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने पर भी जोर दिया है।
पुलिस और बीमा कंपनियों का समन्वय
राज्य पुलिस और जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (GIC) ने मिलकर अब तक हिट एंड रन से जुड़े 9080 मामलों को प्रोसेस किया। इनमें से 5830 मामलों का मुआवजा पहले ही वितरित हो चुका है।
इस पहल ने आम जनता में यह विश्वास मजबूत किया है कि राज्य सरकार और संस्थान उनके साथ खड़े हैं।
बिहार क्यों है नंबर वन?
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समयबद्ध मुआवजा वितरण
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जवाबदेही तय करना (पुलिस + बीमा + न्यायाधिकरण)
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सक्रिय निगरानी (यातायात पुलिस महानिदेशक द्वारा)
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हिट एंड रन मामलों में तेजी से कार्यवाही
निचोड़
Bihar Hit and Run Compensation योजना ने सड़क सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी की नई मिसाल कायम की है। यह सिर्फ आर्थिक राहत नहीं, बल्कि पीड़ित परिवारों को न्याय और भरोसा देने की दिशा में एक ठोस कदम है।
अब बिहार देश में सड़क हादसों के मुआवजे के मामले में नंबर वन राज्य बन चुका है।