
बिहार महागठबंधन की इनसाइड स्टोरी जानिए, सबकुछ उतना आसान भी नहीं जितना दिखाया जा रहा – BIHAR MAHAGATHBANDHAN
राजद-कांग्रेस के बीच गठबंधन की बात तो हुई, लेकिन अभी भी कई बिंदुओं पर पेंच फंस सकता है. पढ़ें यह रिपोर्ट.
पटना : ”लालू प्रसाद की सोनिया गांधी और राहुल गांधी से बहुत ज्यादा नजदीकी है. जब भी गठबंधन में संकट होता है तो लालू प्रसाद सीधे राहुल गांधी या सोनिया गांधी से बात कर लेते हैं. इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जिस तरीके से लालू प्रसाद जिला में जाकर अपने कार्यकर्ताओं को यह बता रहे हैं कि इस बार तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनने वाले हैं. स्पष्ट हो रहा है कि बैटिंग करना शुरू कर दिए हैं.” यह कहना है वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडेय का.
लालू प्रसाद की अहम भूमिका : अरुण पांडेय ने कहा कि जरूरत पड़ेगी तो तेजस्वी के लिए लालू प्रसाद सीधे कांग्रेस आलाकमान से बात करेंगे. विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद तबीयत खराब होते हुए भी वह कुछ इलाकों में सक्रिय रहेंगे. कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ वह चुनाव प्रचार में भी नजर आ सकते हैं. मतलब गठबंधन में गांठ लालू यादव नहीं आने देंगे.
RJD-कांग्रेस में बन गई बात : दरअसल, बिहार में विधानसभा का चुनाव इसी साल होने वाला है. इसी को लेकर अब सभी राजनीतिक दल चुनावी मोड में आ चुका है. इंडिया गठबंधन को लेकर यह कयास लगाया जा रहा था कि राजद और कांग्रेस के बीच में दूरी बढ़ गई है, लेकिन दिल्ली में मंगलवार को कांग्रेस की हुई बैठक में स्पष्ट हो गया कि पार्टी राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी.
गठबंधन की हुई घोषणा : 25 मार्च को दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एवं राहुल गांधी ने बिहार कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं एवं पार्टी प्रभारी से बैठक की. आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी की क्या तैयारी है इन तमाम बिंदुओं पर चर्चा हुई. राजद और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ेगी यह स्पष्ट हो गया है.
सीट शेयरिंग और CM फेस पर फंसा पेंच : पार्टी की तरफ से बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावारु एवं प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश कुमार ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस बिहार में इंडिया गठबंधन में रहकर ही चुनाव लड़ेगी. लेकिन सीट शेयरिंग एवं मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा इस बात पर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावारु ने स्पष्ट कर दिया कि गठबंधन में सीट शेयरिंग का एवं किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा यह गठबंधन के सिर्फ नेतृत्व बैठकर बाद में फैसला करेंगे.
तेजस्वी को लेकर अलग-अलग राय : बिहार विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा इसको लेकर कांग्रेस में अलग-अलग राय दिल्ली में हुई बैठक के अगले दिन आए ही दिखने लगा. 25 मार्च को कृष्णा अल्लावारु ने मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर बयान दिया था कि नेतृत्व का फैसला इंडिया गठबंधन की बैठक में लिया जाएगा. लेकिन उसके अगले दिन ही पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने दिल्ली में एक बयान दिया कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा.
अखिलेश सिंह ने कहा था कि 2020 विधानसभा का चुनाव भी गठबंधन तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा था और 25 का चुनाव भी तेजस्वी के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा.
‘राजद कांग्रेस की दोस्ती पुरानी’ : कांग्रेस और राजद के बीच गठबंधन की बात सामने आने के बाद राजद के नेता उत्साहित दिख रहे हैं. आरजेडी के विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने बताया कि मीडिया में कांग्रेस के असंतुष्ट होने की खबर चल रही थी, लेकिन दिल्ली की बैठक के बाद इस मामले पर स्थिति स्पष्ट हो गई.
”जिस तरीके से गठबंधन को लेकर जो खबरें चल रही थी, कांग्रेस आलाकमान ने वह खत्म कर दिया. इसी तरीके से मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा वह भी स्पष्ट हो जाएगा. बिहार में महागठबंधन के नेताओं का पहला दायित्व है कि यहां एनडीए और बीजेपी की सरकार को हटाना.”- अख्तरुल इस्लाम शाहीन, आरजेडी विधायक

तेजस्वी यादव