
अपराध के खिलाफ पटना पुलिस का बड़ा अभियान
बिहार की राजधानी पटना में पुलिस को अवैध हथियार कारोबार के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। फतुहा थाना क्षेत्र और खुसरूपुर में पुलिस ने एक मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में छह लोगों की गिरफ्तारी हुई और भारी मात्रा में हथियार व उपकरण जब्त किए गए।
कैसे हुआ खुलासा?
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फतुहा थाना क्षेत्र के NH-31 पर पुलिस ने विशेष वाहन चेकिंग अभियान चलाया।
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एक बाइक पर सवार तीन संदिग्ध युवकों को रोका गया।
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तलाशी में एक देसी कट्टा और ₹3000 नकद बरामद हुआ।
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पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि ये हथियार खुसरूपुर के नेटवर्क से खरीदे गए थे।
गिरफ्तार आरोपी और उनका नेटवर्क
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सचिन कुमार – देसी कट्टा और नकद के साथ पकड़ा गया।
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अंकित कुमार – बाइक पर साथ था।
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शशि कुमार उर्फ छोटे पासवान – हथियार खरीद का राज़ खोला।
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मनीष कुमार और सौरव कुमार – हथियार सप्लाई करने वाले।
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संजय शर्मा उर्फ संजय मिस्त्री – मिनी गन फैक्ट्री का मास्टरमाइंड।
मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़
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पुलिस ने संजय मिस्त्री के हरदास बीघा, खुसरूपुर स्थित घर पर छापेमारी की।
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वहाँ मिनी गन फैक्ट्री संचालित होती मिली।
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मौके से देसी कट्टा, अधनिर्मित बैरल, ट्रिगर और ड्रिल मशीन बरामद हुई।
जब्त सामान की पूरी सूची
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6 देसी कट्टा
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8 जिंदा कारतूस
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4 अधनिर्मित बैरल
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4 अधनिर्मित ट्रिगर
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हथियार बनाने के औजार और ड्रिल मशीन
अवैध हथियार कारोबार का मकसद
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आरोपियों ने बताया कि हथियारों का इस्तेमाल डराने-धमकाने और लूटपाट के लिए किया जाता था।
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पुलिस को शक है कि इस फैक्ट्री से कई जिलों में हथियार सप्लाई हो रही थी।
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यह नेटवर्क अपराधियों के लिए एक मुख्य सप्लाई चेन बन चुका था।
पुलिस का बयान
पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा:
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“यह कार्रवाई अवैध हथियार कारोबार के खिलाफ बड़ी सफलता है।”
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“राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में अपराध रोकने के लिए लगातार अभियान जारी रहेगा।”
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“गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है ताकि पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ हो सके।”
FAQs: बिहार मिनी गन फैक्ट्री मामले से जुड़े सवाल
Q1. मिनी गन फैक्ट्री कहाँ मिली?
👉 खुसरूपुर के हरदास बीघा इलाके में।
Q2. कितने लोग गिरफ्तार हुए हैं?
👉 कुल 6 लोग गिरफ्तार किए गए।
Q3. क्या-क्या सामान बरामद हुआ?
👉 6 कट्टा, 8 कारतूस, 4 अधनिर्मित बैरल, 4 ट्रिगर और कई औजार।
Q4. मुख्य आरोपी कौन है?
👉 संजय शर्मा उर्फ संजय मिस्त्री, जो अवैध हथियार निर्माण करता था।
Q5. हथियारों का इस्तेमाल किसके लिए होता था?
👉 डराने-धमकाने और लूटपाट जैसी आपराधिक घटनाओं में।
Q6. पुलिस आगे क्या करेगी?
👉 पूरे नेटवर्क का पता लगाने और अन्य आरोपियों को पकड़ने की कोशिश।
निष्कर्ष
पटना पुलिस की इस कार्रवाई से अवैध हथियार कारोबार पर बड़ा झटका लगा है। मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा यह साबित करता है कि बिहार में अपराधियों के पास हथियार सप्लाई की गहरी जड़ें हैं। अब देखना होगा कि पुलिस आगे इस नेटवर्क को पूरी तरह खत्म कर पाती है या नहीं।