
7 मई को बिहार के छह शहरों में नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल, शाम 7 बजे से ब्लैकआउट अभ्यास
पटना – देशभर में नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों के प्रति जागरूक और तैयार करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा निर्देशित एक व्यापक नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल 7 मई 2025 को आयोजित की गई। इस अभ्यास के अंतर्गत बिहार के छह प्रमुख शहरों – पटना, बाराुणी, कटिहार, पूर्णिया, बेगूसराय और किशनगंज – में शाम के समय मॉक ड्रिल आयोजित की गई, जिसमें आम जनता को आपदा प्रबंधन और हवाई हमले जैसी संभावित आपातकालीन स्थितियों से निपटने का प्रशिक्षण दिया गया।
सायरन और ब्लैकआउट का समय
मॉक ड्रिल के तहत शाम 6:58 बजे सायरन बजाया गया, जिसके बाद शाम 7:00 बजे से 7:10 बजे तक पूरे शहर में ब्लैकआउट रखा गया। इस दौरान नागरिकों को अपने घरों और कार्यालयों की सभी लाइटें बंद रखने, मोबाइल और इन्वर्टर जैसे उपकरणों का प्रयोग न करने तथा वाहनों को सड़कों पर रोककर हेडलाइट्स बंद रखने का निर्देश दिया गया।
प्रमुख निर्देश
सायरन सुनते ही लाइटें तुरंत बंद करें।
सड़क पर चल रहे वाहन रोक दें और हेडलाइट्स बंद करें।
आपातकालीन सेवाएं जैसे एम्बुलेंस को छोड़कर सभी गतिविधियां स्थगित करें।
खिड़कियों को गहरे कपड़े से ढक दें ताकि रोशनी बाहर न जाए।
ड्रिल समाप्ति का सायरन ठीक शाम 7:10 बजे बजेगा।
पटना में विशेष तैयारी
राजधानी पटना में करीब 80 प्रमुख स्थानों पर सायरन सिस्टम लगाए गए, जिनमें गांधी मैदान, पीएमसीएच, पटना विश्वविद्यालय, सचिवालय क्षेत्र और कई अन्य स्थान शामिल हैं। ड्रिल की निगरानी के लिए फायर ब्रिगेड, पुलिस बल, एम्बुलेंस सेवाएं, नगर निगम कर्मी तथा स्वयंसेवी संगठन जैसे एनसीसी, एनएसएस और एनवाईकेएस को तैनात किया गया।
1. ब्लैकआउट अभ्यास का ऐतिहासिक महत्व
ब्लैकआउट अभ्यास का इतिहास विश्व युद्धों से जुड़ा हुआ है, जब शहरों को दुश्मन के हवाई हमलों से बचाने के लिए रात में सभी रोशनी बंद कर दी जाती थी। आज यह अभ्यास नागरिकों को तैयार करने के लिए किया जाता है कि अगर कभी ऐसी स्थिति आए तो वे घबराए नहीं और सही कदम उठाएं।
2. लोगों की भागीदारी और प्रतिक्रिया
– कई नागरिकों ने सोशल मीडिया पर ब्लैकआउट के दौरान अपने अनुभव साझा किए।
– कुछ क्षेत्रों में लोगों ने मोमबत्तियों का प्रयोग किया, जबकि कुछ ने पूरी तरह से अंधेरा बनाए रखा।
– प्रशासन ने इसे सफल और शांतिपूर्ण बताया।
3. शहरों में विशेष पहल
– कटिहार: स्थानीय स्कूलों में पहले से छात्र-छात्राओं को मॉक ड्रिल का प्रशिक्षण दिया गया था।
– पूर्णिया: बाजार और मॉल को समय से पहले बंद करवा दिया गया ताकि अभ्यास में कोई बाधा न आए।
– बेगूसराय: रेलवे स्टेशन क्षेत्र में विशेष सुरक्षा इंतज़ाम किए गए ताकि रोशनी नियंत्रित की जा सके।
4. जन जागरूकता कार्यक्रम
इस मॉक ड्रिल से पहले विभिन्न जगहों पर नुक्कड़ नाटक, पोस्टर, और रेडियो संदेशों के माध्यम से लोगों को जानकारी दी गई थी कि वे अभ्यास के दौरान क्या करें और क्या न करें।
5. भविष्य की योजनाएं
BSDMA द्वारा यह संकेत दिया गया है कि भविष्य में इस प्रकार के अभ्यास को और जिलों तक विस्तारित किया जाएगा और साल में कम से कम दो बार ऐसा ड्रिल आयोजित करने की योजना है।
ड्रिल का उद्देश्य
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (BSDMA) और नागरिक सुरक्षा निदेशालय द्वारा आयोजित इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य है – सामान्य नागरिकों को आपात स्थितियों में सजग रहना सिखाना, सही समय पर प्रतिक्रिया देना, और आपदा के समय सामूहिक प्रयासों से जानमाल की हानि को न्यूनतम करना।