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Bihar politics: हसबैंड जेल गए तो इनको CM बना दिया,’ नीतीश विधान परिषद में किस पर साधा निशाना

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Bihar politics: हसबैंड जेल गए तो इनको CM बना दिया,’ नीतीश विधान परिषद में किस पर साधा निशाना

Bihar politics विधान पार्षद डॉ सुनील कुमार सिंह ने सभापति अवधेश नारायण सिंह से आग्रह किया कि मुख्यमंत्री ने इसका हसबेंड शब्द का उपयोग किया है. यह किसी भी नजरिये से उचित नहीं है. इसलिए सदन की कार्यवाही से हटा दिया जाये.

Bihar politics मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधान परिषद में कहा है कि महिला के लिए हमारी सरकार ने जितना काम किया है, किसी और सरकार ने नहीं किया है. इन लोगों (राजद) की सरकार ने महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया. अपने अंदाज में उन्होंने कहा कि इनके समय (राजद काल) में कोई लड़की स्कूल पढ़ने जाती थी? कुछ मालूम है? जिसकी पार्टी में तुम लोग हो…. नेता विरोधी दल की तरफ इशारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इनके हसबेंड जब हटे तो उन्होंने अपनी वाइफ को सीएम बना दिया. ये लोग कोई महिला के लिए कुछ किये हैं. इनका कोई मतलब नहीं है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए हमने सब काम किये हैं. अब महिलाओं को कोई दिक्कत नहीं है. उनका यह संवाद उस समय आया जब विधान परिषद में उर्मिला ठाकुर गढ़हरा में हाईस्कूल खोलने के संदर्भ में सवाल उठा रही थीं. जैसे ही उन्होंने कहा कि स्कूल न होने की वजह से लड़कियों को दिक्कत आने की बात कही, वैसे ही सीएम ने उन्हें टोका. कि आप क्या कह रही हैं? आप लोगों को कुछ पता है? आप लोग जिसकी पार्टी में है, उसने महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया. इस संवाद के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को भी निर्देशित किया कि आप इन सब का ठीक से जवाब दीजिए.

मुख्यमंत्री के बाद शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि 2003 में प्रदेश की महिला साक्षरता प्रतिशत केवल 34 प्रतिशत था. 2023 में साक्षरता प्रतिशत 74 हो गया है. इसी 2005 में शिक्षा का बजट केवल 1500 करोड़ था. जबकि अब 60 हजार करोड़ पार कर गया है. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बहसबाजी हुई. इस पूरी बहस के दौरान सदन की नेता विरोधी दल राबड़ी देवी मौजूद रहीं,लेकिन वह कुछ नहीं बोलीं.

सीएम ने कुछ भी आपत्तिजनक नहीं कहा- सभापति

सदन की कार्यवाही के दौरान विधान पार्षद डॉ सुनील कुमार सिंह ने सभापति अवधेश नारायण सिंह से आग्रह किया कि मुख्यमंत्री ने इसका हसबेंड शब्द का उपयोग किया है. यह किसी भी नजरिये से उचित नहीं है. इसलिए सदन की कार्यवाही से हटा दिया जाये. इस पर सभापति ने व्यवस्था दी कि इस पूरे मामले में सीएम ने कुछ अपमानजनक नहीं कहा है. ऐसा कोई शब्द नहीं है जिसे सदन की कार्यवाही से हटाया जाये.

 

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