बिहार के स्कूलों में 2026 में कुल 75 दिन का अवकाश
पटना: बिहार शिक्षा विभाग ने वर्ष 2026 के लिए सरकारी स्कूलों का अवकाश कैलेंडर जारी कर दिया है। इस कैलेंडर के अनुसार पूरे साल में कुल 75 दिन की छुट्टियां रहेंगी। हालांकि इनमें रविवार भी शामिल हैं, जिन्हें हटाने पर वास्तविक छुट्टियों की संख्या लगभग 65 दिन रह जाती है।
शिक्षा विभाग का कहना है कि यह कैलेंडर इस तरह तैयार किया गया है ताकि छात्रों की पढ़ाई के साथ-साथ त्योहारों और पारिवारिक समय का भी संतुलन बना रहे।
गर्मी और सर्दी की छुट्टियों की तारीख
छात्रों को मौसम के अनुसार राहत देने के लिए समर और विंटर वेकेशन की तारीखें पहले से तय कर दी गई हैं:
Summer Vacation
1 जून से 20 जून (कुल 20 दिन)
Winter Vacation
25 दिसंबर से 31 दिसंबर (कुल 7 दिन)
प्रमुख त्योहारों पर छुट्टियां
बिहार के प्रमुख पर्वों को ध्यान में रखते हुए छुट्टियों की घोषणा की गई है:
• होली – 2 दिन
• दुर्गा पूजा – 5 दिन
• दिवाली, भैया दूज और छठ – 10 दिन
• गर्मी छुट्टी – 20 दिन
• सर्दी छुट्टी – 7 दिन
यह पैटर्न बच्चों को त्योहारों के दौरान परिवार के साथ समय बिताने और अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने का मौका देगा।
सभी धर्मों और संस्कृतियों को सम्मान
कैलेंडर में राज्य की सांस्कृतिक विविधता को ध्यान में रखा गया है। इसमें शामिल हैं:
• बसंत पंचमी
• महाशिवरात्रि
• रामनवमी
• ईद
• महावीर जयंती
• गुड फ्राइडे
• गुरु पर्व
• अन्य क्षेत्रीय पर्व
इससे बच्चों को धर्मनिरपेक्ष वातावरण और विविध सांस्कृतिक शिक्षा मिलेगी।
छुट्टियों में भी पढ़ाई जारी रहेगी
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि छुट्टियों में छात्रों को हॉलिडे होमवर्क दिया जाएगा।
स्कूल खुलने पर इसका मूल्यांकन अनिवार्य होगा।
विभाग के अनुसार:
“यह व्यवस्था छात्रों को पढ़ाई से जोड़े रखने और जिम्मेदारी की भावना विकसित करने के लिए की गई है।”
यह कैलेंडर किन स्कूलों में लागू होगा?
यह अवकाश तालिका निम्न सभी स्कूलों पर लागू होगी:
✅ प्राथमिक विद्यालय
✅ मध्य विद्यालय
✅ हाई स्कूल
✅ इंटर कॉलेज
✅ उर्दू स्कूल
✅ मदरसा
✅ संस्कृत विद्यालय
✅ सहायता प्राप्त संस्थान
अभिभावकों के लिए फायदेमंद
छुट्टियों की जानकारी पहले से मिलने से:
• यात्रा की योजना आसान होगी
• बच्चों का स्टडी शेड्यूल बेहतर बनेगा
• पारिवारिक आयोजन पहले से तय होंगे
• बच्चों का मानसिक तनाव कम होगा
निष्कर्ष
2026 का अवकाश कैलेंडर शिक्षा और उत्सव दोनों का शानदार संतुलन पेश करता है। यह न केवल छात्रों को राहत देगा बल्कि उन्हें पढ़ाई और संस्कृति दोनों से जोड़े रखेगा।



