पटना (बिहार):
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले वोटर लिस्ट रिवीजन के तहत चल रही घर-घर वेरिफिकेशन में बड़ा खुलासा सामने आया है। नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के पास न केवल भारत का आधार कार्ड, बल्कि रेजिडेंस सर्टिफिकेट और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज भी पाए गए हैं।
🕵️ क्या है मामला?
चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, ANI को दी गई जानकारी में यह साफ हुआ है कि इन विदेशी नागरिकों ने खुद को भारतीय नागरिक दिखाकर वोटर लिस्ट में शामिल करवाने की कोशिश की है। इन मामलों की गहन जाँच अब एक अगस्त से की जाएगी।
📅 जांच की समयसीमा
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दस्तावेजों की जाँच की अवधि: 1 अगस्त से 30 अगस्त 2025
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फाइनल वोटर लिस्ट की प्रकाशन तिथि: 30 सितंबर 2025
यदि इन नागरिकों के दस्तावेज़ प्रामाणिक पाए गए, तो उन्हें वोट देने का अधिकार दिया जा सकता है। लेकिन अगर किसी भी प्रकार की जालसाजी पाई गई, तो उनके नाम फाइनल लिस्ट से हटा दिए जाएंगे।
🚨 क्या-क्या मिला विदेशी नागरिकों के पास?
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आधार कार्ड
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राशन कार्ड
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रेजिडेंस सर्टिफिकेट
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कुछ मामलों में पैन कार्ड भी
📣 चुनाव आयोग का सख्त रुख
EC ने स्पष्ट किया है कि “भारतीय नागरिकता के वैध प्रमाण के बिना किसी को भी मतदाता सूची में नहीं जोड़ा जाएगा।” साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बूथ स्तर पर वेरिफिकेशन को सतर्कता से करें।
📌 निष्कर्ष:
बिहार में पहली बार इस तरह का बड़ा खुलासा सामने आया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मतदाता सूची में विदेशी घुसपैठ एक गंभीर मुद्दा बन सकता है। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए यह रिवीजन राजनीतिक रूप से भी बेहद संवेदनशील बनता जा रहा है।



