
पटना, 24 सितंबर।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार ने महिलाओं के लिए बड़ी योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 75 लाख महिलाओं को ₹10,000 की पहली किस्त सीधे बैंक खातों में दी जाएगी। इस राशि का ऑनलाइन ट्रांसफर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 सितंबर को दिल्ली से करेंगे, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे।
महिला उद्यमिता को बढ़ावा
इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।
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प्रत्येक परिवार से एक महिला को ₹10,000 शुरुआती पूंजी मिलेगी।
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कारोबार सफल होने पर राशि धीरे-धीरे बढ़कर ₹2 लाख तक दी जाएगी।
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यह योजना 29 अगस्त को राज्य कैबिनेट से मंज़ूरी मिलने के बाद शुरू हुई है।
महिलाओं की भागीदारी और आवेदन
जीविका सीईओ हिमांशु शर्मा ने बताया कि अब तक 10.8 लाख ग्रामीण महिलाएँ और 10 लाख शहरी महिलाएँ आवेदन कर चुकी हैं। 26 सितंबर को 75 लाख महिलाओं को पहली किस्त दी जाएगी, इसके बाद अन्य आवेदनों की प्रक्रिया जारी रहेगी।
राजनीतिक महत्व
यह योजना विधानसभा चुनाव से पहले लॉन्च की गई है और इसे राजनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है। बिहार में महिलाएँ पिछले दो दशकों से पुरुषों की तुलना में ज्यादा मतदान करती रही हैं।
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2020 विधानसभा चुनाव में महिला मतदान प्रतिशत 59.69% था, जबकि पुरुषों का 54.68%।
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2019 लोकसभा चुनाव में भी महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा मतदान किया।
विपक्षी दलों के वादे
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आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ‘माई-बहिन सम्मान योजना’ के तहत हर महिला को ₹2,500 प्रतिमाह देने का वादा किया है।
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कांग्रेस ने ‘महिला की बात, कांग्रेस के साथ’ अभियान के तहत इसी तरह का ₹2,500 मासिक भत्ता देने का आश्वासन दिया है।
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जन सुराज पार्टी (प्रशांत किशोर) ने 243 में से 40 सीटों पर महिलाओं को टिकट देने और कम ब्याज दर पर ऋण देने की घोषणा की है।
जेडीयू का बचाव
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि जनता वादे और काम में फर्क पहचानती है। “नीतीश कुमार जनता के पास रिपोर्ट कार्ड लेकर जाते हैं, जबकि विपक्ष वादों का पर्चा लेकर। हर कोई नीतीश कुमार नहीं हो सकता।”
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना को नीतीश कुमार की महिलाओं को सशक्त बनाने की श्रृंखला का अगला कदम माना जा रहा है। इससे पहले जीविका, शिक्षा में आरक्षण और पंचायत संस्थाओं में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया गया था। अब इस नई योजना से महिला-नेतृत्व वाले विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।