
मुसलमानों को रमजान में छूट देने का फैसला बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लिया है। इस फैसले के बाद भाजपा ने इसे नकारा और इसे राजनीतिक ढांचे में ढकेलने का प्रयास किया है।
यह फैसला बिहार की मुसलमानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो रमजान के महीने में रोजे रखते हैं। इस छूट के तहत, रमजान के महीने में रोजे रखने वाले मुसलमानों को सरकारी कार्यालयों और स्कूलों में विशेष छूट दी जाएगी। इसके अलावा, वे अपने काम के लिए भी विशेष छूट प्राप्त कर सकेंगे।
भाजपा ने इस फैसले का विरोध किया है और इसे राजनीतिक ढांचे में ढकेलने का प्रयास किया है। भाजपा के कुछ नेता इसे मुसलमानों को अलगाव करने की कोशिश बताते हुए इसे नकारा हैं। हालांकि, नीतीश कुमार ने इसे समझाया है कि यह फैसला केवल मुसलमानों के लिए नहीं है, बल्कि वे अन्य धर्मों के लोगों के लिए भी छूट प्रदान करते हैं।
बिहार सरकार ने उर्स को देखते हुए मुसलमान सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए नया आदेश जारी किया है. दरअसल, रमजान के महीने को देखते हुए सरकारी दफ्तरों में उनके लिए समय बदल दिया गया है, जिसे लेकर राजनीति तेज हो गई है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल का ने इस आदेश के बाद बयान दिया है कि क्यों तुष्टीकरण के लिए बिहार सरकार रमजान के महीने में मुस्लिम कर्मियों को विशेष सुविधा दे रही है. हिंदुओं के त्योहार में आखिर सरकार कोई निर्णय क्यों नहीं लेती है.