
जयनगर सीमा पर खुलेआम होती हैं नोटो की तस्करी
.भारत-नेपाल सीमा
जयनगर सीमा पर खुलेआम होती हैं नोटो की तस्करी
प्रदीप कुमार नायक
स्वतंत्र लेखक एवं पत्रकार
भारत-नेपाल सीमा पर अवस्थित मधुबनी जिले के जयनगर सीमा पर अवैध धंधों की कहानी अब बहुत पुरानी हो चुकी हैं।इस भारत- नेपाल सीमा पर होने वाले अपराध कई तरह के हैं।इनमें मानव तस्करी,पशु तस्करी, नशीले पदार्थों की तस्करी, जाली नोटों की तस्करी, खाध पदार्थों की तस्करी और अवैध हथियारों की तस्करी से आगे अब भारतीय नोटों की तस्करी का धंधा बड़ी तेजी से फैल रही हैं।
शहर के बड़े-बड़े सौदागर इस धंधे में लगे हुए हैं।इन्हें शायद कानून का कोई भय नहीं हैं।इन लोंगो का नेटवर्क बहुत बड़ा हैं।
भारत-नेपाल सीमा से सटे जयनगर शहर में विदेशी मुद्रा को बदलने का अवैध धंधा हर तीसरा शख्स करता हैं।नोटों की यह दुकान यहाँ ऐसे लगती और चलती हैं, मानो कि चाय और पान की दुकान हो।जयनगर नगरपालिका के सामने से रेलवे गुमटी,रेलवे स्टेशन के ठीक मुख्य गेट के सामने तक सड़क के दोनों किनारे खुले में मनी एक्सचेंज की स्टॉल कतार में हैं।स्टॉल पर पांच सौ,दो सौ,एक सौ,पचास और दस रुपये के नोट की गड्डी टेबल पर सजा कर रखी जाती हैं और सीमा से इस पार से इस पार से उस पार या उस पार से इस पार आने जाने वाले लोंगो से सारे नियमों और कानूनों को ताक पर रखकर एक सौ रुपये में चार-पांच रुपैया कमीशन लेते हैं और नोटों को बदलते हैं।
लेकिन यह नोट बदलने का नियम नियमतः नेपाल के जनकपुर तथा सिरहा में स्थित नेपाल राष्ट्र बैंक में ही बदले जाते हैं।जानकारी के मुताबिक वहाँ पर भी पांच हजार से अधिक भारतीय करेंसी नहीं दी जाती हैं ।जबकि वहीं दूसरी ओर मनी एक्सेंजर की स्टॉल पर ऐसी कोई लिमिट नहीं हैं।
नेपाल राष्ट्र बैंक में एक सौ साठ रुपैये का नेपाली नोट देने पर एक सौ रुपया का भारतीय नोट मिलता हैं।जबकि वहीं जयनगर में अवैध तरीके से खुले में बैठे मनी एक्सचेंज सेंटरों पर एक सौ पैसठ रुपया नेपाली देने पर एक सौ रुपया का भारतीय नोट दिया जाता हैं।
जयनगर शहर में ऐसे कई ठिकाने हैं, जहाँ गैर कानूनी तरीके से विदेशी नोट बदले जाते हैं।वहीं देश का कानून कहता हैं कि विदेशी मुद्रा अधिनियम के तहत ही विदेशी नोट बदले जाएंगे।केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही विदेशी मुद्रा लेन देन की अनुमति होती हैं।अधिकृत डीलर जिसे रिज़र्व बैंक ने प्राधिकृत किया हैं,वहीं व्यक्ति यह काम कर सकता हैं।लेकिन यहाँ पर कोई भी व्यक्ति अधिकृत नहीं हैं।नियम कानून को धात बताकर महज सेटिंग के बूते नोट बदलने का धंधा यहाँ खूब चलता हैं।
नोट बदलने वाले सौदागर यहाँ इशारों में बात करते हैं और पलक झपकते ही सारा काम हो जाता हैं।इस कारोबार के लिए बड़े बड़े कारोबारी नगद नोट रखते हैं।छोटे दुकानदारों के बीच करेंसी सुबह बटती हैं और हर घंटे-दो घंटे पर हिसाब होता हैं।इस कारोबार के बड़े सौदागर यानी इनका बाँस पर्दे के पीछे ही रहते हैं।ऐसा नहीं की पुलिस को इनके बारें में कोई जानकारी नहीं हैं।पुलिस ने कई बार अवैध रूप से संचालित ऐसे केंद्रों के संचालकों को गिरफ्तार किया था।लेकिन चौबीस घंटे में ही वे छूट गए थे और अभी तक कोई जानकारी किसी को नहीं मिली कि क्या हुआ अवैध रूप से संचालित ऐसे केंद्रों का।
यह सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।इस पर जिला एवं स्थानीय प्रशासन, राजनेताओं को कोई ठोस पहल करना चाहिए और मनी एक्सचेंज के लिए जयनगर में कोई स्पेशल काउंटर होना चाहिए।जिस पर टूरिस्ट अथवा अन्य लोंगो को लाभ मिल सके।
मनी एक्सचेंजर का यह अवैध स्टॉल होने के चलते यह भारत-नेपाल का सीमा क्षेत्र शहर जयनगर भारतीय नोटों की तस्करी का धंधा अपने चरम सीमा पर हैं।जिससे लॉक डाउन के समय नेपाल से भारत अथवा भारत से नेपाल जाने के क्रम में आम लोंगो से मनी एक्सचेंजर द्वारा अवैध कारोबार खूब चर्चे का विषय बना हुआ था और आज भी यहीं हाल हैं।
यहाँ के दुकानदार और व्यापारी भी किसी भी सामान के बदले खुलेआम नेपाली रुपैया का लेनदेन करते हैं।जिससे भारतीय नोटों की विश्वसनीयता में कमी देखी जा सकती हैं।
लेखक – स्वतंत्र लेखक एवं पत्रकारिता के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं,समाचार पत्र एवं चैनलों में अपनी योगदान दे रहें हैं।
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