
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रोहिणी इलाके में गुरुवार तड़के पुलिस और अपराधियों के बीच हुई मुठभेड़ (Encounter) में बिहार के कुख्यात ‘सिग्मा गैंग’ (Sigma Gang) के चार मोस्ट वांटेड गैंगस्टर मारे गए। यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस की स्पेशल टीम द्वारा संयुक्त रूप से की गई।
खुफिया जानकारी पर चला संयुक्त ऑपरेशन
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बिहार पुलिस को खुफिया सूत्रों से पता चला था कि सिग्मा गैंग के चार कुख्यात सदस्य दिल्ली के रोहिणी इलाके में छिपे हुए हैं। सूचना मिलने के बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर एक संयुक्त टीम बनाई गई।
पुलिस ने गुरुवार तड़के इलाके की घेराबंदी की और बदमाशों को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, लेकिन गैंग के सदस्यों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं। लगभग 15 मिनट तक चली गोलीबारी में चारों बदमाश गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
मारे गए बदमाशों की पहचान और आपराधिक पृष्ठभूमि
मारे गए चारों अपराधी बिहार के कुख्यात ‘सिग्मा गैंग’ से जुड़े थे, जो हत्या, रंगदारी, लूट और अपहरण जैसे गंभीर अपराधों में शामिल था।
पुलिस ने जिन अपराधियों की पहचान की है, उनके नाम इस प्रकार हैं:
क्रमांक | नाम | पता | उम्र | अपराधी पृष्ठभूमि |
---|---|---|---|---|
1 | रंजन पाठक (गैंग लीडर) | ग्राम मल्हाई, थाना सुरसंड, जिला सीतामढ़ी, बिहार | 25 वर्ष | हत्या, लूट और रंगदारी के मामलों में वांछित |
2 | बिमलेश महतो उर्फ बिमलेश साहनी | ग्राम रतनपुर, थाना बाजपट्टी, जिला सीतामढ़ी, बिहार | 25 वर्ष | अपहरण और लूट के मामलों में आरोपी |
3 | मनीष पाठक | ग्राम मल्हाई, थाना सुरसंड, जिला सीतामढ़ी, बिहार | 33 वर्ष | गैंग का सक्रिय सदस्य, कई राज्यों में वांछित |
4 | अमन ठाकुर | ग्राम शेरपुर, करावल नगर, दिल्ली | 21 वर्ष | दिल्ली में गैंग के लिए स्थानीय सहयोगी के रूप में सक्रिय |
पुलिस को बड़ी सफलता: अवैध हथियारों का जखीरा बरामद
एनकाउंटर के बाद पुलिस ने घटनास्थल से कई आधुनिक हथियार बरामद किए हैं। इनमें जिगाना पिस्टल, देशी कट्टे, भारी मात्रा में कारतूस और मोबाइल फोन शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि,
“यह ऑपरेशन न केवल बिहार बल्कि दिल्ली-एनसीआर में भी संगठित अपराध के नेटवर्क को तोड़ने में मील का पत्थर साबित होगा। इन अपराधियों के मारे जाने से कई बड़ी आपराधिक घटनाओं की साजिश नाकाम हो गई है।”
साथ ही कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं, जिनका इलाज जारी है।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आतंक फैलाने की साजिश
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि यह गैंग आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में दहशत फैलाने की योजना बना रहा था।
सिग्मा गैंग कई राजनीतिक रैलियों और व्यापारिक वर्ग से रंगदारी वसूली की योजना पर काम कर रहा था।
बिहार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार,
“गैंग के सदस्य हाल के महीनों में दिल्ली और नोएडा में सक्रिय थे। वे बिहार लौटने से पहले यहां से फंड और हथियार जुटाने की कोशिश में थे।”
इंटरस्टेट कोऑर्डिनेशन की मिसाल
यह एनकाउंटर दिल्ली पुलिस और बिहार पुलिस के बीच इंटरस्टेट कोऑर्डिनेशन का एक बेहतरीन उदाहरण माना जा रहा है। दोनों राज्यों की पुलिस ने साझा खुफिया ऑपरेशन चलाकर अपराधियों को पकड़ने की योजना बनाई थी।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बयान जारी करते हुए कहा कि
“इस संयुक्त कार्रवाई से स्पष्ट है कि राज्य सीमाओं से परे अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी गैंग को दिल्ली या बिहार में सुरक्षित ठिकाना नहीं मिलेगा।”
आगे की जांच और नेटवर्क की तलाश जारी
पुलिस अब सिग्मा गैंग के बाकी सदस्यों, सप्लायरों और नेटवर्क की तलाश में जुट गई है। दिल्ली और बिहार दोनों राज्यों में छापेमारी की जा रही है ताकि इस गैंग के आर्थिक और हथियार सप्लाई चैन को खत्म किया जा सके।
एनकाउंटर में मारे गए अपराधियों के मोबाइल फोन और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं, जिनके जरिए पुलिस अन्य सहयोगियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. दिल्ली रोहिणी एनकाउंटर में कितने अपराधी मारे गए?
कुल चार अपराधी मारे गए हैं, जो बिहार के ‘सिग्मा गैंग’ से जुड़े थे।
2. एनकाउंटर कब और कहां हुआ?
यह मुठभेड़ गुरुवार तड़के दिल्ली के रोहिणी इलाके में हुई।
3. कौन-कौन से गैंगस्टर मारे गए?
रंजन पाठक, बिमलेश महतो, मनीष पाठक और अमन ठाकुर।
4. पुलिस ने क्या-क्या बरामद किया?
पुलिस ने कई अवैध हथियार, जिगाना पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए हैं।
5. क्या पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं?
हां, कुछ पुलिसकर्मी गोलीबारी में घायल हुए हैं और उनका इलाज चल रहा है।
6. क्या आगे जांच जारी है?
हां, बिहार और दिल्ली पुलिस अब सिग्मा गैंग के बाकी सदस्यों और उनके नेटवर्क की तलाश कर रही है।
निष्कर्ष
दिल्ली के रोहिणी में हुआ यह एनकाउंटर भारत में अंतर-राज्यीय अपराध पर पुलिस की सख्त कार्रवाई का संकेत है। सिग्मा गैंग के इन चार मोस्ट वांटेड अपराधियों के मारे जाने से न केवल बिहार बल्कि पूरे उत्तर भारत में संगठित अपराध की रीढ़ कमजोर हुई है। पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है ताकि राज्य और राजधानी दोनों में शांति बनाए रखी जा सके।
🔗 संदर्भ स्रोत: दिल्ली पुलिस आधिकारिक वेबसाइट
https://x.com/AHindinews/status/1981169812517900304