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नेपाल में राजशाही की वापसी क्यों चाहती है जनता? उग्र प्रदर्शन देख सड़क पर उतरी सेना

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नेपाल में राजशाही की वापसी क्यों चाहती है जनता? उग्र प्रदर्शन देख सड़क पर उतरी सेना

नेपाल में लोकतंत्र की समाप्ति को लेकर उग्र प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह को फिर से राजा बनाने की मांग को लेकर लोगों ने शुक्रवार को जमकर प्रदर्शन किया। इसके बाद सरकार ने सेना को उतार दिया। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।

नेपाल में राजशाही और हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर आंदोलन तेज हो गया है। शुक्रवार को राजधानी काठमांडू में लोगों ने सड़क पर उतकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान सुरक्षाबलों के साथ झड़प में दो लोगों की मौत हो गई। वहीं कई जगहों पर आगजनी की गई। फिलहाल नेपाल की सरकार ने सेना को उतार दिया है और कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है। बता दें कि 2008 में लोकतंत्र की स्थापना के लिए भी इसी तरह नेपाल की जनता सड़कों पर उतरी थीं। हालांकि लोकतंत्र के नाम पर कम्यूनिस्ट सरकार केवल चीन की हिमायती बनकर रह गई है।

राजशाही बहाल करने की मांग

राजशाही समर्थक संगठन एक बार फिर सड़कों पर उतर गए और लोकतंत्र को हटाकर राजशाही बहाल करने की मांग करने लगे हैं। पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह की वापसी को लेकर लगातार नेपाल में प्रदर्शन हो रहे हैं। नेपाल में राजशाही की समाप्ति के बाद से 10 सरकारें बनी हैं। इसकी एक बड़ी वजह किसी एक पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाना है। ऐसे में गठबंधन सरकार अपने पार्टी के हितों के लिए पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबी होती है। केपी शर्मा ओली के शासनकाल में तो नेपाल के रिश्ते भारत से भी खराब रहने लगे। अब लोगों का मानना है कि मजबूत केंद्रीय नेतृत्व और प्रजा का हित केवल राजशाही में हीं संभव है।

भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता से लोग परेशान

हिमालय की गोद में बसे इस छोटे देश में कभी भी विदेशी आक्रमण नहीं हुए। ऐसे में बड़ी संख्या में हिंदू इस देश में रहने लगे। नेपाल में राजशाही का इतिहास 240 से अधिक साल पुराना है। राजशाही के दौरान नेपाल में कई ऐसे राजा हुए जिनके शासनकाल में जनता संतुष्ट थी। लोकतंत्र में भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता के कारण लोग परेशान हो गए। ऐसे में लोगों को राजशाही की याद सताने लगी है। लोगों के समर्थन में पूर्व राजपरिवार भी आ गया है। 19 फरवरी को पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह ने मोटरसाइकिल रैली निकाली।

नेपाल ऐसे घोषित हुआ रिपब्लिक

1990 से राजा महेंद्र शाह और उनके बेटे वीरेंद्र शाह ने सरकार के साथ मिलकर संवैधानिक राजा के रूप में काम किया। 2001 में राजपरिवार में नरसंहार हुआ, इस दौरान राजा वीरेंद्र शाह समेत परिवार के कई सदस्य मार दिए गए। 2005 में उन्होंने लोकतंत्र खत्म कर सेना का शासन लागू कर दिया। 2008 में राजशाही को खत्म करके नेपाल को रिपब्लिक घोषित कर दिया गया।

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