
धराली आपदा का चमत्कार: अंतिम संस्कार की तैयारी के बीच जिंदा लौटे बिहार के तीन मजदूर
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में 5 अगस्त को बादल फटने और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। इस आपदा में कई लोगों के लापता होने और मौत की आशंका जताई गई। इसी दौरान, बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के तीन मजदूरों को मृत मान लिया गया था। घरवालों ने उनके अंतिम संस्कार तक की तैयारी कर ली थी। लेकिन, अचानक ये तीनों मजदूर जिंदा घर लौट आए। इस नजारे को देखकर मातम से भरे घर में खुशी की लहर दौड़ गई।
कैसे मरे हुए समझे गए मजदूर?
धराली में आई भीषण बाढ़ के बाद वहां फंसे लोगों से संपर्क टूट गया। रवि कुमार, राहुल और मुन्ना, ये तीनों मजदूरी के लिए गए थे। बाढ़ के बाद परिजनों से कोई संपर्क न होने पर सबने मान लिया कि वे आपदा की चपेट में आकर मर गए। यहां तक कि परिवार ने अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली थी।
घर लौटते ही बदल गया मातम का माहौल
जब तीनों अचानक सुरक्षित अपने गांव पहुंचे तो उस वक्त परिजन उनके लिए पुतला जलाकर अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे। घरवालों को यकीन ही नहीं हुआ कि जिन्हें मृत मान लिया गया, वे अचानक सामने खड़े हैं। मातम का माहौल खुशी और आंसुओं में बदल गया।
सिग्नल न होने से टूटा संपर्क
मुन्ना ने बताया कि वे तीनों उस वक्त गंगोत्री में थे, जो भूकंप केंद्र से करीब 6 किमी दूर है। बाढ़ के बाद मोबाइल सिग्नल पूरी तरह ठप हो गए थे। इस वजह से परिवार से संपर्क नहीं हो सका। सेना ने उन्हें रेस्क्यू किया और पहले सुरक्षित जगह पहुंचाया। फिर हेलीकॉप्टर से उन्हें देहरादून और वहां से हरिद्वार लाया गया। आखिरकार तीनों मजदूर अपने गांव सुरक्षित लौट सके।
धराली आपदा में तबाही
5 अगस्त को धराली में बादल फटने से कई होटल और मकान तबाह हो गए। लोग मलबे में दब गए। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं। राज्य सरकार ने मृत और पीड़ित परिवारों को 5-5 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। वहीं, कई जनप्रतिनिधियों ने भी आर्थिक मदद का ऐलान किया है।