Home खास खबर बिहार में फर्जी TET सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे सात शिक्षक चढ़े निगरानी के हत्थे, सभी पर FIR – FIR ON TEACHERS IN SAMASTIPUR

बिहार में फर्जी TET सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे सात शिक्षक चढ़े निगरानी के हत्थे, सभी पर FIR – FIR ON TEACHERS IN SAMASTIPUR

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बिहार में फर्जी TET सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे सात शिक्षक चढ़े निगरानी के हत्थे, सभी पर FIR – FIR ON TEACHERS IN SAMASTIPUR

बिहार में फर्जी TET के सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे सात शिक्षकों पर गाज गिरी है. निगरानी ने सभी पर एफआईआर दर्ज कराया है.

समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर में नियोजन के बाद से ही सूबे के हजारों शिक्षक निगरानी के रडार पर हैं. दरअसल फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए इनका पदस्थापन विभिन्न नियोजन इकाइयों ने किया था. वैसे इसको लेकर सालों से जांच की जा रही और अब धीरे-धीरे ऐसे फर्जी शिक्षक निगरानी के हथ्थे भी चढ़ रहे हैं. इससे जुड़ा ताजा मामला समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर प्रखंड अंतर्गत विभिन्न स्कूलों का है, जहां जांच में सात शिक्षकों का बिहार टीचर एलिजिबिलिटी (BETET) सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया है.

पकड़ा गया शिक्षकों का फर्जी सर्टिफिकेट: निगरानी विभाग को जांच के दौरान इस प्रखंड के बलहा नियोजन इकाई द्वारा नियोजित किए गए छह शिक्षक और नियोजन इकाई देसरी करख के द्वारा नियोजित एक शिक्षक का टेट सर्टिफिकेट बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में जांच के दौरान फर्जी पाया गया है. बहरहाल निगरानी ने सख्त एक्शन लेते हुए इन सभी फर्जी शिक्षकों के खिलाफ विभूतिपुर में फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज कराया है. मामले को लेकर जिले के एसपी अशोक मिश्रा ने कहा है कि निगरानी जांच में संबंधित शिक्षकों का सर्टिफिकेट फर्जी मिला है.

“निगरानी जांच में विभूतिपुर प्रखंड अंतर्गत विभिन्न स्कूलों से संबंधित सात शिक्षकों का सर्टिफिकेट फर्जी मिला है. जिसके बाद निगरानी ने इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है. वहीं अब आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.”-अशोक मिश्रा, एसपी

11,454 नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र की होनी है जांच: गौरतलब हो कि 2006 से 2015 के बीच हुए नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच चल रही थी. वहीं विभागीय जानकारी के अनुसार लगभग 11,454 नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच होनी है. वैसे इसमें 3000 से अधिक ऐसे नियोजित शिक्षक हैं, जिनका फोल्डर ही गायब है. बहरहाल निगरानी के रडार पर अभी भी हजारों शिक्षक हैं. वैसे इस मामले के बाद जिले में फर्जी तरीके से पदस्थापित शिक्षकों में हडकंप मच गया है.

 

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