
पुरानी दिल्ली के होज़ क़ाज़ी इलाके के सीता राम बाज़ार में गली शीश महल में निर्माणाधीन का कार्य निर्माणाधीन इमारत जिसका जिसके दो इमारत बन चुकी थी और तीसरी इमारत का सुबह चार बजे से छत पर लेंटर का काम चल रहा था जैसे ही मजदूर मटेरियल डाल कर नीचे उतरे तभी अचानक एकदम से निर्माणाधीन इमारत भरभरा कर गिर गई । सूचना मिलते ही दमकल-विभाग की दमकल विभाग और कैट्स-एंबुलेंस की गाड़ियां मौके पर तुरंत पहुंच गई और इमारत के बाहर की और से एक मजदूर को बाहर निकाल कर तुरंतअस्पताल भेज दिया गया आसपास के लोगों के मुताबिक साढे छह बजे के आसपास ऐसा लगा जैसे कोई ब्लास्ट हुआ हो देखने पर पता चला कि निर्माणाधीन कार्यरत पूरी इमारत नीचे गिर गई है और दो मजदूर उसमें फंसे हुए थे जिन्हें रस्सी के सहारे लोगो ने बाहर निकाल दिया । आपको बता दें,बहुत ही तंग व संकरी गली के अंदर बिल्डर निर्माणाधीन इमारत को बहुत तेजी से बना रहा था । यदि यह हादसा कुछ देर बाद होता तो काफी लोगों की जान जा सकती थी । बिल्डर ने इमारत मे चल रहे काम प्रति कोई विवाद ना करें इसके लिए बाहर एक निर्माण अनुमति बोर्ड लगा रखा था जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है ।आखिर समझ नहीं आता,इस तरह से हो रहे अवैध-निर्माण कार्य पुलिस,अन्य प्रशासनिक विभाग की नजरों से ओझल रह जाते हैं ? इस तरह के अवैध-निर्माणाधीन इमारते सभी नियमों को ताक पर रखते हुए बनाई जाती है और हजारो-जिंदगिया मौत के मुंह में समा जाती है । क्या यह है सरकार का देश के लोगो के प्रति सजगता-पूर्वक जन-संरक्षण ?