
देश के दिग्गज नेता गुरुदास जी का निधन
जाधवपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष, आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के पूर्व महासचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के दिग्गज नेता और लोक सभा एवं राज्य सभा दोनों के पूर्व सांसद साथी गुरुदास 82 वर्ष के थे। उनका जन्म 3 नवंबर 1936 को हुआ था। वे अपने राजनीतिक करियर में 3 बार राज्यसभा और 2 बार लोकसभा के सदस्य रहे। उन्होंने अपना राजनैतिक सफर 1936 में गठित देश के पहले छात्र संगठन AISF से शुरू किया था।
देश के दिग्गज वामपंथी नेताओं में शुमार किए जाने वाले गुरुदास दासगुप्ता पहली बार 1985 में राज्यसभा सांसद बने. इसके बाद 1988 में वह दूसरी बार राज्यसभा के लिए चुने गए। 1994 में गुरुदास दासगुप्ता तीसरी बार 1994 राज्यसभा पहुंचे. हालांकि 3 बार राज्यसभा सांसद रहने के बाद वह 2004 में लोकसभा चुनाव में उतरे और चुने गए। इस दौरान वह वित्त समिति, लोक लेखा समिति और पब्लिक अंडरटेकिंग समिति के सदस्य भी रहे।
2004 के बाद गुरुदास दासगुप्ता 2009 में लगातार दूसरी बार लोकसभा के लिए चुने गए। इस बार वह लोकसभा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संसदीय दल के नेता भी रहे। इस दौरान भी वह कई संसदीय समितियों से जुड़े रहे।
अपनी प्रखर वाकशैली के लिए मशहूर गुरुदास दासगुप्ता को क्रिकेट और रबिंद्र संगीत में बेहद रुचि थी। वह बंगाल क्रिकेट संघ (CAB) से भी जुड़े रहे और उन्होंने वहां कैब के सदस्य के रूप में काम किया।
उनकी गिनती देश के दिग्गज नेताओं में होती थी। वे खुलकर अपनी बात रखने के लिए जाने जाते थे। मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में वित्त वर्ष 2012-13 के बजट पर तीखी टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा था कि केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में प्रणब मुखर्जी की कोई आवश्यकता नहीं थी, यह तो लिपिक भी तैयार कर सकते थे।
श्रद्धांजलि।