
कानपूर के बिठूर थाना के स्टेशन हाउस अफसर कौशलेन्द्र प्रताप ने बीते मुठभेड़, जिसमे 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, की विस्तार से जानकारी दी
उत्तरप्रदेश राज्य के एक पुलिसकर्मी, जिसने अपराधी विकाश दुबे को पकड़ने गयी पुलिस टीम में हिस्सा लिया था, ने उस दिन के हुए पुलिस और विकास दुबे के अपराधी साथियों के बीच मुठभेड़ की जानकारी दी है।
कानपूर के बिठूर थाना के स्टेशन हाउस अफसर कौशलेन्द्र प्रताप ने उस निर्मम हत्याकांड की जानकारी दी है जिसमे विकास दुबे के गुंडों ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।
कौशलेन्द्र प्रताप ने बताया, “हमने विकास दुबे के घर से 100-150 मीटर की दूरी पर अपनी गाड़ियां खड़ी कर दी थी क्यूंकि वहां जे सी बी खड़ी थी। हमसब वहां से पैदल ही उसके घर के तरफ बढ़ रहे थे। जैसे ही हमसब घर के नजदीक पहुंचे, हमारे ऊपर सभी तरफ से फायरिंग शुरू हो गई। घर की छत पर पहले से ही फायरिंग करने के लिए विकास दुबे के गुंडे मौजूद थे। फायरिंग शुरू होते ही हम सब अपने कवर लेने के लिए भागे।”
शुक्रवार को हुए इस मुठभेड़ में एक पुलिस उप अधीक्षक को मिलाकर 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।
2 मिनट के वार्तालाप के दौरान कौशलेन्द्र प्रताप सिंह ने इस कार्रवाई के असफलता के संभावित कारण भी बताए।
कौशलेन्द्र प्रताप ने कहा, “हमने फायरिंग कर रहे गुंडों पर जवाबी करवाई में फायरिंग करने की कोशिश की लेकिन हम असफल रहे क्यूंकि वो सारे हमसे ऊपर छत पर मौजूद थे जिसकी वजह से हम उन्हें ठीक से देख नहीं पा रहे थे। छत से फायरिंग करने की वजह से उन्होंने हमारे कई पुलिसकर्मियों को ज़ख़्मी कर दिया था।”
घायल कौशलेन्द्र प्रताप ने बताया की इस घटनाक्रम के दौरान उन्होंने अपने दो साथियों की जान भी बचाई। उन्होंने कहा, “इस छापेमारी के दौरान मेरे साथ मौजूद दो पुलिसकर्मियों को गोली लग गयी। वो पुलिसकर्मी मेरे साथ थे इसलिए उनको बचाना मेरी जिम्मेदारी थी। मैं वहां से काफी मुश्किलों से बाहर निकल पाया।”
विकास दुबे के एक साथी को पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया है। हिरासत में लिए गए विकास दुबे के साथी ने बताया की उसके मालिक को इस छापेमारी की जानकारी पहले ही मिल गई थी जिसके बाद कई पुलिसकर्मी अब संदेह के घेरे में है की आखिरकार किसने विकास दुबे को इस छापेमारी की जानकारी मुहैया कराई।
चौबेपुर पुलिस थाना के थाना प्रभारी को ससपेंड किया जा चूका है और उनसे अभी फिलहाल पुलिस पूछताछ रही है।