
सपा के बाद अब AAP के साथ गठबंधन, दिल्ली की कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस?
सपा और कांग्रेस ने 21 फरवरी को ऐलान किया कि वे मिलकर उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। इस दौरान, यह भी बताया गया कि सपा मध्य प्रदेश की खजुराहो सीट से चुनाव लड़ेगी। पिछली बार यहां से दोनों दलों ने चुनाव लड़ा था, जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी दूसरे और सपा उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे।
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर बुधवार (21 फरवरी) को विराम लग गया। सपा प्रमुख व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि वे कांग्रेस के साथ मिलकर यूपी में लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर भी सहमति बन गई। कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि सपा 63 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारेगी। इसके साथ ही, सपा मध्य प्रदेश की खजुराहो सीट (Khajuraho Seat) पर भी चुनाव लड़ेगी। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि सपा इस सीट से ही क्यों चुनाव लड़ना चाहती है और क्या वह यहां से जीत दर्ज कर पाएगी, आइए इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं…
खजुराहो के सांसद कौन हैं?
खजुराहो लोकसभा सीट से इस समय बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा सांसद हैं। उन्होंने पिछले चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार कविता सिंह नातीराजा को हराया था। शर्मा को 810410 मत मिले थे, जबकि कविता सिंह को 318526 मत मिले थे। वहीं, सपा प्रत्याशी वीर सिंह पटेल 40029 वोट हासिल करने में कामयाब रहे। बीजेपी प्रत्याशी को 64.49 प्रतिशत, जबकि कविता सिंह को 25.34 प्रतिशत मत हासिल हुए थे।
खुजराहो से क्यों चुनाव लड़ेगी सपा?
सपा 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में खजुराहो में तीसरे नंबर पर रही थी। हालांकि, उसके उम्मीदवार को 3.19 प्रतिशत ही मत मिले थे, जबकि वी डी शर्मा को 64.49 और कविता सिंह को 25.34 प्रतिशत मत हासिल हुए थे। इस बार कांग्रेस के साथ गठबंधन से सपा को उम्मीद है कि कांग्रेस का वोटबैंक भी उसके प्रत्याशी की तरफ शिफ्ट होगा, जिससे जीत की संभावना बढ़ जाएगी।
खजुराहो में बजता है बीजेपी का डंका
खुजराहो संसदीय सीट पर बीजेपी का डंका बजता है। यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती चार बार सांसद निर्वाचित हुई हैं। इसे एमपी की हॉट सीट माना जाता है। आखिरी बार 1999 में कांग्रेस के सत्यव्रत सिंह को जीत मिली थी। उसके बाद कोई भी उम्मीदवार जीत हासिल करने में नाकाम रहा। बीजेपी को 1990 के बाद हुए चुनावों में केवल एक बार हार का सामना करना पड़ा है। बीजेपी को 2019 में 29 में से 28 सीटों पर जीत मिली थी। खजुराहो से 2014 में नागेंद्र सिंह, 2009 में जितेंद्र सिंह बुंदेला, 2004 में रामकृष्ण कुसमरिया और 1989 से लेकर 1998 तक उमा भारती लगातार सांसद चुनी गईं।
खजुराहो में कुल कितने मतदाता हैं?
बता दें कि खजुराहो में कुल 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इसमें रामनगर, पवई, चंदला, गुनौर, विजयराघवगढ़, पन्ना, मुड़वार और बहोरीबंद शामिल हैं। मतदाताओं की बात करें तो यहां कुल मतदाता 18 लाख 31 हजार 837 हैं, जिसमें से पुरुष मतदाता 9 लाख 65 हजार 170, महिला मतदाता 8 लाख 66 हजार 641 और थर्ड जेंडर 26 हैं। हालांकि, मतदाताओं की वास्तविक संख्या का पता चुनाव के पहले प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची से ही लग पाएगा।
खजुराहो क्यों जाना जाता है?
बता दें कि खजुराहो मध्य प्रदेश का प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह छतरपुर जिले में आता है। यह अपने मंदिरों के लिए जाना जाता है। यह चंदेल राजाओं की पहली राजधानी थी।