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5.5 घंटे में दिल्ली पहुंचेगी राजस्थान की पहली वंदे भारत, जानें इसकी और विशेषताएं

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) बुधवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए राजस्थान की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. हालांकि ट्रेन की नियमित सेवा 12 अप्रैल से शुरू होगी. यह जयपुर, अलवर और गुरुग्राम जैसे प्रमुख शहरों में स्टॉपेज के साथ अजमेर और दिल्ली कैंट के बीच चलेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने से पहले एक ट्वीट में कहा, ‘हमारी सरकार रेल यात्रा को सुरक्षित और सुविधाओं से लैस करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. आज सुबह 11 बजे मुझे दिल्ली कैंट और अजमेर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने का सौभाग्य मिलेगा.’ पीएम मोदी ने पिछले ही हफ्ते सिकंदराबाद-तिरुपति और चेन्नई-कोयंबटूर वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखा शुरुआत की थी. इस वंदे भारत एक्सप्रेस से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच यात्रा के समय में साढ़े तीन घंटे की कमी आई है, जो विशेष रूप से तीर्थयात्रियों के लिए फायदेमंद है. तमिलनाडु ट्रेन ने राज्य की राजधानी चेन्नई और औद्योगिक शहर कोयंबटूर के बीच यात्रा के समय में आधे से अधिक समय की कटौती की है. यह दो शहरों के बीच पांच घंटे 50 मिनट के यात्रा समय के साथ सबसे तेज ट्रेन है, जिससे एक घंटे से अधिक की बचत होती है.

अजमेर-दिल्ली कैंट वंदे भारत ट्रेन की विशेषताएं

  • अजमेर-दिल्ली कैंट वंदे भारत एक्सप्रेस पहली सेमी-हाई स्पीड पैसेंजर ट्रेन होगी.
  • यह अजमेर और दिल्ली कैंट के बीच की दूरी पांच घंटे और पंद्रह मिनट में तय करेगी. वर्तमान में इस रूट पर सबसे तेज ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस है, जो दोनों शहरों के बीच छह घंटे और पंद्रह मिनट में यात्रा पूरी करती है. इस तरह वंदे भारत एक्सप्रेस इस रूट पर चलने वाली मौजूदा एक्सप्रेस ट्रेन से 60 मिनट तेज होगी.
  • राजस्थान की वंदे भारत ट्रेन से पुष्कर और अजमेर शरीफ दरगाह जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों से कनेक्टिविटी में सुधार से क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है.
  • ट्रेन में विमान-शैली की सीटें होंगी, जो बैठने और आराम करने की बेहतर सुविधा प्रदान करती हैं.
  • किसी अप्रिय घटना की स्थिति में यात्रियों को आसानी से निकालने के लिए प्रत्येक कोच में चार आपातकालीन खिड़कियां उपलब्ध होंगी.
  • इसमें स्वदेशी प्रणाली ‘कवच’ भी होगी, जो ट्रेन की टक्कर से बचने के लिए एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है. ‘कवच’ संभावित खतरा होने पर ट्रेनों को सिग्नल पास करने से रोककर और टक्कर से बचने के लिए सुरक्षा प्रदान करने के लिए है. यह प्रणाली ट्रेन के ब्रेकिंग सिस्टम को स्वचालित रूप से सक्रिय करती है.
  • सभी कोचों में बैठने वाली सीटें हैं, जबकि एक्सीक्यूटिव कोच भी 180 डिग्री तक घूमने वाली सीटों से सुसज्जित हैं. इन सीटों का मुंह यात्रा की दिशा की ओर ही हमेशा रहता है.
  • हर कोच में 32 इंच की टीवी स्क्रीन हैं जो यात्रियों को ऑडियो-विजुअल  जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ मनोरंजन भी प्रदान करती है.
  • ट्रेन में विकलांगों के अनुकूल वॉशरूम भी हैं. साथ ही हर सीट का नंबर ब्रेल लिपि में भी दिया गया हैं.
  • ट्रेन में स्वचालित दरवाजे, फायर सेंसर, सीसीटीवी कैमरे, ऑन-बोर्ड वाई-फाई सुविधाएं, तीन घंटे का बैटरी बैकअप और जीपीएस है. इसके सभी पार्ट्स मेड इन इंडिया हैं.
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