जनता दरबार में सुनी जा रही थीं शिकायतें, तभी SP ने लिया सख्त फैसला
जनता दरबार में सुनी जा रही थीं शिकायतें और उसी दौरान मोतिहारी पुलिस अधीक्षक ने एक बड़ा और कड़ा फैसला लिया। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने केस में लापरवाही बरतने के आरोप में एक अनुसंधान पदाधिकारी (IO) को ऑन स्पॉट सस्पेंड कर दिया। यह फैसला रक्सौल थाना परिसर में आयोजित जनता दरबार के दौरान लिया गया।
यह जनता दरबार बिहार पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य आम लोगों की शिकायतों को सीधे सुनना और त्वरित समाधान देना था।
रक्सौल थाना परिसर में आयोजित हुआ जनता दरबार
बुधवार की देर शाम रक्सौल थाना परिसर में आयोजित इस जनता दरबार में सैकड़ों फरियादी पहुंचे। लोगों ने भूमि विवाद, पारिवारिक झगड़े, रास्ता विवाद, सीमांकन और पुराने मुकदमों से जुड़ी शिकायतें रखीं। पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने स्वयं एक-एक फरियादी की बात सुनी और कई मामलों में तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए।
इस दौरान पुलिस और जनता के बीच संवाद का सकारात्मक माहौल देखने को मिला।
लापरवाही IO पर गिरी गाज, तत्काल निलंबन
जनता दरबार के दौरान सबसे अहम और चर्चित मामला पॉक्सो एक्ट से जुड़ा सामने आया। अगस्त महीने में दर्ज एक पॉक्सो केस में अनुसंधान पदाधिकारी सीमा कुमारी पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगा।
जांच में सामने आया कि:
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मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई थी
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न ही आरोपी के खिलाफ वारंट प्राप्त किया गया था
इस पर सख्त रुख अपनाते हुए एसपी स्वर्ण प्रभात ने बिना देर किए IO को तत्काल निलंबित कर दिया।
“लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी” – SP स्वर्ण प्रभात
एसपी स्वर्ण प्रभात ने जनता दरबार में मौजूद सभी अनुसंधान पदाधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा:
“बच्चे सबसे कमजोर होते हैं। उनकी सुरक्षा से जुड़े मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अनुसंधान में ढिलाई करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्रवाई सिर्फ एक केस तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे पूरे पुलिस विभाग में अनुशासन और जवाबदेही का संदेश जाएगा।
SP ने खुद दी जानकारी
एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया:
“जनता दरबार में कुल 72 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से एक मामला पॉक्सो एक्ट से जुड़ा था, जिसमें अनुसंधानक द्वारा न गिरफ्तारी की गई थी और न ही वारंट लिया गया था। इसी कारण अनुसंधानक को निलंबित किया गया है।”
सबसे ज्यादा शिकायतें भूमि विवाद से जुड़ी
जनता दरबार में सबसे अधिक संख्या में भूमि विवाद से जुड़े मामले सामने आए। इनमें शामिल थे:
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पारिवारिक बंटवारा
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रास्ता विवाद
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अवैध कब्जा
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सीमांकन
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पुराने लंबित मुकदमे
रक्सौल थाना क्षेत्र से आए एक किसान ने जमीन पर कब्जे की शिकायत की। एसपी ने तुरंत थानाध्यक्ष को मौके पर जांच और कार्रवाई का आदेश दिया।
इन मामलों में भी हुआ त्वरित निपटारा
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आदापुर से आए एक परिवार के पारिवारिक बंटवारे के मामले में 15 दिन में रिपोर्ट देने का निर्देश
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हरैया से रास्ता विवाद
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रामगढ़वा से सीमांकन विवाद
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पलनवा से पुराने केस की शिकायत
कई मामलों में ऑन-द-स्पॉट समाधान किया गया, जिससे फरियादियों के चेहरों पर राहत साफ दिखी।
जनता दरबार से बढ़ा भरोसा
मोतिहारी के एसपी स्वर्ण प्रभात लगातार हर थाने में जनता दरबार का आयोजन कर रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य पुलिस और जनता के बीच विश्वास की खाई को पाटना है।
रक्सौल अनुमंडल के रक्सौल, आदापुर, हरैया, रामगढ़वा और पलनवा थाना क्षेत्रों से आए लोगों ने एसपी की इस पहल की सराहना की और कहा कि इससे उन्हें न्याय की उम्मीद जगी है।
❓ जनता दरबार कहां आयोजित हुआ?
रक्सौल थाना परिसर, पूर्वी चंपारण में।
❓ किस अधिकारी को सस्पेंड किया गया?
एक पॉक्सो केस में लापरवाही बरतने वाली IO को।
❓ जनता दरबार का उद्देश्य क्या है?
जनता की शिकायतों का त्वरित समाधान और पुलिस-जनता विश्वास बढ़ाना।



