
JNU हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने की 37 लोगों की पहचान: सूत्र
दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) इन दिनों हिंसा को लेकर सुर्खियों में है। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने 60 सदस्यों वाले एक व्हाट्सऐप ग्रुप (यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट) के 37 लोगों की पहचान कर ली है। इससे पहले शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए 9 लोगों की पहचान की बात कही गई थी जिसमें, जेएनयूएसयू प्रेसिडेंट आइशी घोष का नाम भी शामिल था।
शुक्रवार को जेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने नौ संदिग्धों की तस्वीर जारी करके दावा किया था कि जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष भी उनमें से एक थीं। पुलिस ने कहा कि नौ में से सात वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े हैं, जबकि दो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीप) से जुड़े हैं।
हमलावरों के रूप में नाम लिए जाने के बाद जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि मेरे पास भी सबूत हैं कि किस प्रकार मुझ पर हमला किया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस के पास जो भी साक्ष्य हैं, उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए।
हिंसा में आइशी घोष के अलावा जिन छात्रों की पहचान हुई है उनमें चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, योगेंद्र भारद्वाज, प्रिय रंजन, शिवपूजन मंडल, डोलन, सुचेता तालुकदार और वसकर विजय के नाम शामिल हैं। जेएनयू हिंसा मामले में कुल तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। पहला केस सर्वर रूम को नुकसान पहुंचाने का, दूसरा केस रजिस्ट्रेशन करवाने वाले छात्रों के साथ मारपीट करने का और तीसरा केस हॉस्टल में घुसकर हमला करने का है।
5 दिसंबर को हुई हिंसा के बाद एक तरफ जहां छात्र संगठन की तरफ से लगातार यूनिवर्सिटी के वीसी को हटाने की मांग हो रही है. इस बीच जेएनयू के वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार कहा कि वे चाहते हैं कि जांच की रिपोर्ट सामने आए। अगर दोषी की पहचान हो पाती है तब हम ये उम्मीद करते हैं कि वे दंडित किए जा सकेंगे।
Source-HINDUSTAN