
बिहार में कन्हैया कुमार को राहुल गांधी करेंगे लॉन्च! बैटल फील्ड तैयार, जानें तारीख और जगह – KANHAIYA KUMAR
बिहार में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए राहुल गांधी कन्हैया कुमार को 7 अप्रैल को लॉन्च करेंगे. इसके लिए बैटल फील्ड तैयार है.
बेगूसराय: राहुल गांधी 7 अप्रैल को पटना के एसकेएम हॉल में आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेने आ रहे हैं. यह कार्यक्रम पहले से ही तय है, लेकिन बिहार की राजनीति में सरगर्मी तब बढ़ गई जब राहुल गांधी के उसी दिन बेगूसराय जाने की बात सामने आई. दरअसल जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के युवा नेता कन्हैया कुमार को सपोर्ट करने के लिए राहुल गांधी बेगूसराय तक जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि राहुल गांधी उसी दिन कन्हैया को पार्टी की तरफ से बिहार चुनाव से ठीक पहले लॉन्च भी करने वाले हैं.
कन्हैया का बैटल फील्ड तैयार: विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस खासकर कन्हैया कुमार बिहार में एक्टिव मोड में आ गए हैं. कन्हैया पार्टी की पलायन रोको, नौकरी दो यात्रा का नेतृत्व भी कर रहे हैं. इस साल राहुल गांधी का बिहार में ये तीसरा दौरा होगा. पार्टी ने बिहार में कई बदलाव किए हैं. पार्टी ने अपने इंचार्ज से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक को बदल दिया. इतना ही नहीं 40 जिलाध्यक्षों की नई सूची भी तैयार की गई है.
बेगूसराय से ही लॉन्चिंग क्यों?: आखिर राहुल गांधी ने बेगूसराय से ही कन्हैया को लॉन्च करने का फैसला क्यों लिया है? कांग्रेस के थिंकटैंक का मानना है कि पार्टी के लिए बिहार में अपने पैरों पर खड़ा होने की जरूरत है और इसके लिए कोशिश भी जारी है. कन्हैया को उनके गृह जिला बेगूसराय में लॉन्च करने की तैयारी हो रही है. इसके लिए बैटल फील्ड भी तैयार है और 2025 के चुनाव की तैयारी में पार्टी जुट गई है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का बयान: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम का कहना है कि उन्हें प्रदेश का अध्यक्ष बनाया गया है तो वह काम कर रहे हैं. वैसे ही कन्हैया कुमार भी बिहार में पार्टी के लिए काम कर रहे हैं. वह संगठन के लिए काम कर रहे हैं. राजेश राम का कहना है कि मीडिया हमेशा यह कहती रहती थी कि कांग्रेस पार्टी बिहार में बहुत कमजोर हो गई है. संगठन का स्ट्रक्चर मजबूत नहीं है. यही कारण है कि पार्टी अब संगठन को मजबूत करने में जुट गई है. पार्टी का उद्देश्य है कि कम समय में पार्टी को मजबूत किया जाए.
“विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी अपने संगठन पर काम कर रही है और जब चुनाव होगा तो सभी लोग एक साथ मिलकर कदम से कदम मिलाकर चलेंगे. जब चुनाव नजदीक आएगा उस समय पार्टी के सभी सीनियर लीडर बैठकर चुनाव की रणनीति तैयार करेंगे.”- राजेश राम, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
स्थानीय लोगों की राय: कन्हैया कुमार की उनके गृह जिले से लॉन्चिंग पर स्थानीय लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आई है. स्थानीय पवन कुमार शर्मा का कहना है कि “कन्हैया कुमार का बेगूसराय में हम लोग स्वागत करेंगे. कन्हैया कुमार बेगूसराय के बेटे हैं और वह पहले कम्युनिस्ट विचारधारा से आते थे. बाद में वह कांग्रेस विचारधारा से जुड़े. कांग्रेस और कम्युनिस्ट दोनों की विचारधारा एक ही है. राहुल जी कन्हैया के साथ बेगूसराय आ रहे हैं तो यह और भी खुशी की बात है.”
‘पलायन बन गया है राजनीतिक मुद्दा’: स्थानीय मनोज कुमार ने बताया कि कन्हैया कुमार और राहुल गांधी बेगूसराय आ रहे हैं तो यह अच्छी बात है. कन्हैया कुमार अगर बेगूसराय में जमीन तलाशने की कोशिश कर रहे हैं और जमीन से जुड़ कर काम करने की कोशिश कर रहे है तो यह और अच्छी बात है. पलायन और विस्थापन की जहां तक बात है तो यह एक राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है. इसको लेकर जिसको जितनी रोटी सेंकनी है, सेंक रहे हैं.
“जब तक कोई सरकार इस पर ठोस कदम नहीं उठाती है तब तक ना पलायन रुकेगा न लोगों का आना. यह एक राजनीतिक मुद्दा भर है. कन्हैया के बिहार आने से अब तक कोई माहौल नहीं बना है. बेगूसराय आने के बाद कोई माहौल बने तो बने,लेकिन लगातार मैदान में बने रहने से कुछ तो फ़ायदा मिलता ही है. बेगूसराय में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर होती है, इसलिए कन्हैया के बेगूसराय आगमन से कुछ ना कुछ फायदा मिल सकता है.”- मनोज कुमार, स्थानीय
सुधर सकती है कांग्रेस की स्थिति’: स्थानीय निवासी सौरभ कुमार ने बताया कि आज की तारीख में युवाओ को राजनीति में आगे आना चाहिए. जिस तरह कन्हैया कुमार बिहार में मेहनत कर रहे हैं उससे ऐसा लगता है कि बिहार में कांग्रेस की स्थिति सुधरेगी. वहीं बेगूसराय में भी कांग्रेस की स्थिति में सुधार होगा. सौरभ कुमार ने बताया कि राहुल गांधी की अपनी छवि जरूर है पर वो बेगूसराय में उतने प्रभावी नहीं हैं. अगर राहुल मेहनत करेंगे तो आने वाले समय में उनकी स्थित अच्छी बन सकती है.
“कन्हैया कुमार की डगर भी आसान नहीं है. बिहार के युवाओं में शिक्षा और बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है. साथ ही साथ बिहार में पलायन का मुद्दा भी लंबे समय से है. पलायन रुके, युवा शिक्षित हों, यहां के युवा यहां ही नौकरी करें, इससे बड़ी बात कोई नहीं हो सकती है. कन्हैया कुमार की पदयात्रा कांग्रेस के दृष्टिकोण से कांग्रेस के वोट प्रतिशत में वृद्धि करा सकती है. कन्हैया कुमार और राहुल गांधी के आने से बेगूसराय में वर्तमान में कोई उत्सुकता नहीं है.”- सौरभ कुमार,स्थानीय निवासी
2019 लोकसभा चुनाव में हार: बता दें कि कन्हैया कुमार इन दिनों पलायन रोको नौकरी दो यात्रा पर बिहार भर का दौरा कर रहे हैं. छात्र राजनीति से दलगत राजनीति मे आने वाले कन्हैया कुमार पहले कम्युनिस्ट पार्टी और बाद में कांग्रेस पार्टी का दामन थाम कर अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं. कन्हैया कुमार 2019 में बेगूसराय लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ चुके हैं पर उन्हें केंद्रीय मंत्री गिरिराज के हाथों हार का सामान करना पड़ा था.
अखिलेश की विदाई में कन्हैया का रोल?: अपनी ही जन्म भूमि पर हार के बाद कन्हैया कुमार का कद घटा. बाद के दिनों मे उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया और कांग्रेस के कद्दावर नेताओ में उनकी गिनती होने लगी. बिहार की आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर से कन्हैया कुमार को आगे कर चुनाव में इसका फ़ायदा लेने की जुगाड़ में है. हालांकि इसका फ़ायदा कांग्रेस को कितना होगा ये तो वक्त बताएगा, लेकिन जिस तरह से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह को हटाकर नये प्रदेश अध्यक्ष को बिहार की कमान दी गई, चर्चा है कि कन्हैया कुमार ने इसमें अहम भूमिका निभाई.
कन्हैया कराएंगे चुनावी वैतरणी पार!: कुल मिलाकर कन्हैया कुमार पर कांग्रेस बड़ा दांव खेल रही है, जिसका परिणाम है कि कन्हैया कुमार इन दिनों बिहार में राहुल गांधी के तर्ज पर पद यात्रा पर निकले हुए हैं. कन्हैया कुमार की बेगूसराय में आयोजित पद यात्रा में राहुल गांधी के शामिल होने का अर्थ यह है कि राहुल गांधी कन्हैया कुमार के सहारे चुनावी नैया पार करने की जुगत में है.
‘7 अप्रैल को होगा शंखनाद’: छात्र राजनीति की उपज कन्हैया कुमार बेगूसराय के बिहट गांव के रहने वाले हैं और भूमिहार जाति से आते हैं. देश की राजनीति में बेगूसराय को लेलिन ग्राद भी कहा जाता है. राहुल गांधी के साथ बेगूसराय में कन्हैया कुमार के साथ पदयात्रा के संबंध में बेगूसराय के कांग्रेस नेता और पार्टी के जिला उपाध्यक्ष मिथिलेश कुमार झा का कहना है कि देश की वर्तमान राजनीति में जो कुछ भी चल रहा है, सब कोई देख रहे हैं. कन्हैया कुमार सिर्फ यहां के नेता नहीं है बल्कि देश के विभिन्न प्रांतों में जाते हैं. ये कन्हैया कुमार का अपना घर है, जहां से सात तारीख को शंखनाद होने वाला है.
“कन्हैया का प्रभाव विधानसभा चुनाव में पड़ेगा. खासकर राहुल गांधी के साथ आने से उसमें चार चांद लगेगा. इन दोनों के साथ आने से युवा ही नहीं बल्कि विभिन्न तबके के लोग दोनों का स्वागत करेंगे. यह एक ऐतिहासिक पद यात्रा होगी. यह एक सबक होगा उन तमाम लोगों के लिए जो धनी वर्गों के साथ जाकर केंद्रित हो जाते हैं. चाहे वो बीजेपी हो या उनके पिछलग्गू जेडीयू या अन्य.”- मिथिलेश कुमार झा, जिला उपाध्यक्ष, कांग्रेस
‘महागठबंधन एकजुट’- RJD: वहीं आरजेडी नेता कैलाश यादव का कहना है कि राहुल गांधी और कन्हैया कुमार बिहार का कैसे विकास हो, इसपर चर्चा करने आ रहे हैं. कांग्रेस का आरजेडी से गठबंधन रहेगा. कैलाश यादव का कहना है कि राहुल गांधी बिहार इसलिए आ रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में कौन कितने सीट पर लड़ेगा, यह तय हो. बिहार में महागठबंधन एकजुट है और वह एक साथ चुनाव लड़ेंगे.
“राहुल गांधी और कन्हैया कुमार के आने से बिहार के चुनाव पर बहुत असर पड़ने वाला है. महागठबंधन लगभग 180 सीट पर जीत दर्ज करेगी.”- कैलाश यादव, आरजेडी नेता
CPI को होगा नुकसान?: वहीं इस संबंध में कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य परिषद सदस्य अनिल कुमार अंजान का कहना है कि कन्हैया कुमार कांग्रेस पार्टी के नेता हैं और बेगूसराय के बेटे हैं. इसलिए कन्हैया कुमार के आगमन पर हम स्वागत करेंगे. कन्हैया कुमार के कांग्रेस में जाने से क्या कम्युनिस्ट पार्टी को इसका नुकसान और कांग्रेस को इसका फायदा हुआ है, के सवाल पर अनिल कुमार अंजान ने कहा कि कन्हैया कुमार कांग्रेस के नेता हैं और कांग्रेस महागठबंधन का हिस्सा है.
“कन्हैया कुमार जब कम्युनिस्ट पार्टी में थे, तब भी कम्युनिस्ट पार्टी मोर्चा की राजनीति करता था और आज भी मोर्चा की राजनीति में है. आज देश की जो स्थिति है, देश का संविधान खतरे में है,ऐसे में हमारा एक ही उद्देश्य देश के संविधान और जनतंत्र को बचाने का है. राहुल गांधी बेगूसराय आ रहे हैं इसलिए हम लोग उनके स्वागत की तैयारी में जुटे हुए हैं.”- अनिल कुमार अंजान, राज्य परिषद सदस्य, सीपीआई
“कन्हैया कुमार युवाओं की आवाज बनकर उभर रहे हैं. इससे पूरे बिहार में परिवर्तन देखने को मिलेगा. कन्हैया कुमार के साथ न सिर्फ युवा बल्कि समाज के हर तबके के लोग उनके साथ हैं. कन्हैया कुमार के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी बिहार में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएगी.”-विवेक कुमार, छात्र नेता, कांग्रेस
क्या राहुल-कन्हैया की जोड़ी बिहार में करेगी कमाल?: कुल मिलाकर राहुल गांधी और कन्हैया कुमार की बेगूसराय में साथ-साथ पदयात्रा लोगों के बीच चर्चा का विषय है. कुछ लोग इसका फायदा तो कुछ लोग इससे कोई फायदा नहीं होने की चर्चा कर रहे हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की राजनीति में राहुल गांधी और कन्हैया कुमार की पदयात्रा क्या रंग लाती है.
सीमांचल में पदयात्रा: बिहार में युवाओं और बेरोजगार नौजवानों को लेकर कांग्रेस ‘पलायन रोको नौकरी दो’ पदयात्रा कर रही है. चंपारण के भितिहरवा आश्रम से शुरू हुई इस पदयात्रा का नेतृत्व कन्हैया कुमार कर रहे हैं. अभी कन्हैया कुमार की सीमांचल के इलाके में पदयात्रा चल रही है. किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार और खगड़िया की यात्रा के बाद बेगूसराय में पदयात्रा होगी.
कन्हैया पर राहुल को भरोसा: वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडेय ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि वामपंथ से राजनीति की शुरुआत करने वाले कन्हैया ने बाद में कांग्रेस के साथ राजनीति करने का फैसला किया. जब कन्हैया कांग्रेस में शामिल हुए थे खुद राहुल गांधी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलवाई थी. कन्हैया की गिनती और राहुल गांधी के कोर कमेटी के सदस्यों में होती है. बिहार में कन्हैया कुमार के साथ राहुल गांधी का पदयात्रा में शामिल होना यह स्पष्ट संकेत है कि बिहार की राजनीति में कन्हैया कुमार की विधिवत एंट्री हो रही है.
“बिहार में कन्हैया के बहाने कांग्रेस एक तीर से दो निशाना साधने का प्रयास कर रही है. कन्हैया युवा है युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता अच्छी खासी है. यही कारण है कि कन्हैया को युवाओं को कांग्रेस के साथ जोड़ने की जिम्मेवारी दी गई है. यही कारण है कि कन्हैया बिहार में पदयात्रा कर युवाओं को कांग्रेस के साथ जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं कन्हैया के बहाने कांग्रेस की भूमिहार वोटरों पर भी नजर है.