
New Delhi, 21 सितंबर: कर्नाटक में 22 सितंबर से 7 अक्टूबर तक होने वाले जाति सर्वेक्षण को लेकर सियासत गरमा गई है। इस बीच, राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने साफ कहा है कि सर्वेक्षण से जुड़ी सभी समस्याओं को सरकार हल कर लेगी और यह सर्वेक्षण सुचारू रूप से पूरा किया जाएगा।
DK शिवकुमार का बयान
पत्रकारों से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा:
“कुछ नहीं होगा, चिंता मत कीजिए। हम सभी समस्याओं को सुलझा लेंगे। नया सर्वेक्षण किया जाएगा और सभी मुद्दों को हल किया जाएगा।”
सरकार का मकसद
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि इस सर्वेक्षण का उद्देश्य किसी जाति के लिए आरक्षण तय करना नहीं है, बल्कि यह जानना है कि आजादी के बाद से विभिन्न समुदायों ने शिक्षा और सामाजिक प्रगति के क्षेत्र में कितना विकास किया है।
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डेटा का इस्तेमाल सरकार जरूरतमंद समुदायों के लिए योजनाएं बनाने में करेगी।
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उन्होंने साफ किया कि आरक्षण का सीधा संबंध इस सर्वेक्षण से नहीं होगा।
सिद्धारमैया का बड़ा बयान
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि यह सर्वेक्षण सिर्फ जाति की गिनती नहीं है बल्कि यह एक आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक सर्वेक्षण है।
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उद्देश्य है वंचित वर्गों को बराबरी के अवसर देना।
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उन्होंने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि केंद्र सरकार भी जाति सर्वेक्षण करेगी, तो क्या उसे भी साजिश कहा जाएगा?
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“गरीबों को प्राथमिकता देना जरूरी है ताकि समाज में समानता लाई जा सके।”
बीजेपी बनाम कांग्रेस
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बीजेपी ने इस सर्वेक्षण को लेकर राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग की है और इसे समाज को बांटने की कोशिश बताया है।
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सिद्धारमैया ने कहा कि बीजेपी इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है और सर्वेक्षण का मकसद जाति को बांटना नहीं बल्कि समानता लाना है।
कुरुबा समुदाय का मुद्दा
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शिवकुमार ने बताया कि पिछली बीजेपी सरकार ने कुरुबा समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग में शामिल करने की सिफारिश की थी।
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लेकिन केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को वापस कर दिया है।
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अंतिम निर्णय ST श्रेणी में शामिल करने का केंद्र सरकार ही लेगी।
निष्कर्ष
कर्नाटक जाति सर्वेक्षण 2025 को लेकर राजनीति गर्म है।
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कांग्रेस सरकार इसे समानता और वंचितों को लाभ पहुंचाने वाला कदम बता रही है।
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जबकि बीजेपी इसे राजनीतिक चाल कह रही है।
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अब देखना होगा कि यह सर्वेक्षण किस तरह राज्य की सामाजिक और राजनीतिक तस्वीर बदलता है।
FAQs
Q1. कर्नाटक जाति सर्वेक्षण कब होगा?
👉 22 सितंबर से 7 अक्टूबर 2025 तक।
Q2. DK शिवकुमार ने क्या कहा?
👉 सभी समस्याओं को सुलझाकर नया सर्वेक्षण पूरा किया जाएगा।
Q3. क्या इस सर्वेक्षण से आरक्षण तय होगा?
👉 नहीं, सरकार का कहना है कि यह आरक्षण के लिए नहीं बल्कि योजनाओं के लिए डेटा इकट्ठा करने के लिए है।
Q4. सिद्धारमैया ने इसे कैसे बताया?
👉 एक सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक सर्वेक्षण।
Q5. बीजेपी का इस पर क्या रुख है?
👉 बीजेपी इसे समाज को बांटने की राजनीति बता रही है।
Q6. कुरुबा समुदाय को लेकर क्या मुद्दा है?
👉 बीजेपी सरकार ने ST में शामिल करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन केंद्र ने लौटा दिया।
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