
Kedarnath Helicopter Crash: फिर टूटी आसमान से आस – खराब मौसम या लापरवाही? 7 श्रद्धालुओं की मौत, उठे कई सवाल
उत्तराखंड, 15 जून 2025 — चारधाम यात्रा के दौरान एक बार फिर बड़ा हादसा हुआ है। गौरीकुंड के पास रविवार सुबह केदारनाथ जा रहा एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया, जिसमें अब तक 7 यात्रियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। यह हादसा यात्रियों और तीर्थयात्रा प्रशासन दोनों के लिए एक गंभीर चेतावनी है।
बताया जा रहा है कि खराब मौसम इस हादसे का प्राथमिक कारण हो सकता है, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि बार-बार ऐसी घटनाएं आखिर क्यों हो रही हैं? क्या हेलीकॉप्टर ऑपरेटर, पायलट्स और प्रशासन उचित सतर्कता बरत रहे हैं?
पिछले हादसों से क्या सीखा गया?
यह पहली बार नहीं है जब केदारनाथ यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर हादसा हुआ हो। 7 जून को भी एक हेलीकॉप्टर को तकनीकी खराबी के कारण बीच सड़क पर क्रैश लैंड कराना पड़ा था। इसके बाद DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) और राज्य प्रशासन ने मिलकर हेलीकॉप्टर फेरे घटाने, मौसम की सख्त निगरानी और उड़ान शेड्यूल की समीक्षा जैसे कई कदम उठाए थे।
लेकिन ताजा हादसा दर्शाता है कि या तो ये उपाय पर्याप्त नहीं थे या इनका पालन सही तरीके से नहीं हुआ।
क्यों नहीं थम रहे हेलीकॉप्टर हादसे?
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उच्च पर्वतीय क्षेत्र में तेजी से बदलता मौसम
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तकनीकी खराबियां और पुरानी हेलीकॉप्टर यूनिट्स
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अनुभवहीन पायलट्स या अत्यधिक दबाव में संचालन
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मौसम के बावजूद उड़ान भरने का दबाव (श्रद्धालु संख्या अधिक होने के कारण)
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मॉनिटरिंग में लापरवाही — क्या असली वजह यह है?
सख्त जांच और जवाबदेही की मांग
उत्तराखंड प्रशासन ने इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट कारण सामने आएगा, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा को लेकर उठे सवालों ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिए हैं।
विशेषज्ञों और पर्वतीय उड्डयन सुरक्षा जानकारों का मानना है कि हेलीकॉप्टर उड़ानों के लिए SOP (Standard Operating Procedures) को और भी सख्ती से लागू करना जरूरी है।
श्रद्धांजलि और संवेदना
इस दर्दनाक हादसे में मारे गए सभी श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना। हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन यह स्पष्ट है कि अगर जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो चारधाम जैसे पवित्र यात्रा मार्ग खतरनाक ट्रैक बन सकते हैं।