
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भारी बारिश और जलजमाव से बाढ़ जैसे हालात बन गए। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 9 लोग करंट लगने से मारे गए। इस दुखद घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मृतकों के परिजनों के लिए आर्थिक मदद और राहत पैकेज की घोषणा की है।
ममता बनर्जी का बड़ा ऐलान
मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख का मुआवजा
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक मृतक के परिजनों को ₹2 लाख की आर्थिक सहायता देगी। इसके साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार हर संभव मदद के लिए तैयार है।
सीईएससी (CESC) से अतिरिक्त ₹5 लाख देने की अपील
ममता बनर्जी ने कोलकाता और आसपास के इलाकों में बिजली सप्लाई देने वाली कंपनी CESC से अपील की है कि वह करंट से मारे गए परिवारों को अतिरिक्त ₹5 लाख का मुआवजा दे। उनका कहना है कि इन मौतों के लिए सीईएससी की लापरवाही जिम्मेदार है।
मृतकों के परिवार से एक सदस्य को रोजगार
सरकार ने यह भी कहा है कि हर मृतक के परिवार के एक सदस्य को रोजगार देने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि परिवार को जीवनयापन में सहारा मिल सके।
भारी बारिश और जलजमाव से बिगड़ा हाल
10 लोगों की मौत, 9 की करंट लगने से मौत
मंगलवार से लगातार बारिश के कारण कोलकाता शहर और आसपास के क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। पानी में डूबे तार और खुले बिजली के खंभों से 9 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई।
कोलकाता में बिजली के खुले तार बने मौत का कारण
बरसात के दौरान शहर में खुले तार और करंट फैलने के कारण आम लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। जलजमाव की वजह से लोग घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं।
ममता बनर्जी ने ठहराया जिम्मेदार
सीईएससी की लापरवाही पर सवाल
ममता बनर्जी ने स्पष्ट कहा कि करंट से हुई मौतों के लिए सीईएससी की लापरवाही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि कंपनी को अपनी गलती माननी चाहिए और प्रभावित परिवारों की मदद करनी चाहिए।
दशकों से जलमार्ग की सफाई न होने पर नाराज़गी
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दशकों से कोलकाता पोर्ट, फरक्का बैराज और दमदार वैली कॉर्पोरेशन (DVC) ने जलमार्ग की ठीक से सफाई नहीं की, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति और भी खराब हो गई।
बाढ़ जैसी स्थिति पर ममता का दावा
बिहार और यूपी से पानी आने का असर
ममता बनर्जी ने बताया कि जब भी बिहार और उत्तर प्रदेश में भारी बारिश होती है, उसका पानी पश्चिम बंगाल में आकर जमा हो जाता है, जिससे राज्य को अकेले निपटना पड़ता है।
राज्य सरकार अकेले कर रही है प्रबंधन
उन्होंने कहा कि केंद्र या अन्य एजेंसियों से मदद न मिलने के बावजूद राज्य सरकार राहत और बचाव कार्यों को लगातार अंजाम दे रही है।
दुर्गा पूजा कार्यक्रम में हुआ ऐलान
दक्षिण कोलकाता में दुर्गा पूजा के एक कार्यक्रम के दौरान ममता बनर्जी ने यह घोषणा की। उन्होंने लोगों से संयम और धैर्य बनाए रखने की अपील भी की।
कोलकाता में जनजीवन पर असर
सड़कों पर पानी, यातायात हुआ प्रभावित
भारी जलजमाव के कारण कई इलाकों में बसें, ऑटो और निजी वाहन ठप हो गए। हजारों यात्री घंटों तक फंसे रहे।
हज़ारों लोग हुए परेशान
रात भर की बारिश से लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाए। कई इलाकों में पानी अब भी जमा हुआ है।
सरकार की राहत और बचाव योजना
राहत कार्य जारी
राज्य सरकार ने रेस्क्यू टीम, नगर निगम और बिजली विभाग को अलर्ट पर रखा है। राहत सामग्री भी वितरित की जा रही है।
आगे की तैयारी और कदम
ममता बनर्जी ने कहा कि भविष्य में इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए सरकार और मजबूत कदम उठाएगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. कोलकाता में कितने लोगों की मौत हुई है?
अब तक कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 9 करंट लगने से मरे।
Q2. ममता सरकार ने कितना मुआवजा घोषित किया है?
सरकार ने मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख मुआवजा देने का ऐलान किया है।
Q3. क्या अतिरिक्त आर्थिक मदद मिलेगी?
हाँ, सीएम ने CESC से अतिरिक्त ₹5 लाख मुआवजा देने की अपील की है।
Q4. क्या मृतकों के परिवार को नौकरी भी मिलेगी?
हाँ, प्रत्येक मृतक के परिवार से एक सदस्य को रोजगार मिलेगा।
Q5. बाढ़ जैसी स्थिति क्यों बनी?
दशकों से जलमार्ग की सफाई न होने और बिहार-यूपी से आने वाले पानी के कारण हालात बिगड़े।
Q6. सरकार ने अब तक क्या कदम उठाए हैं?
राहत कार्य जारी है, रेस्क्यू टीम तैनात है और प्रभावित इलाकों में सहायता पहुंचाई जा रही है।
निष्कर्ष
कोलकाता की बाढ़ और भारी बारिश से हुई मौतों ने एक बार फिर शहर की अव्यवस्था को उजागर किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा घोषित मुआवजा और रोजगार योजना प्रभावित परिवारों को राहत जरूर देगी, लेकिन भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए स्थायी समाधान की आवश्यकता है।