
कोसी-मेची इंट्रा स्टेट लिंक प्रोजेक्ट को मंजूरी, PM मोदी ने कहा- बिहार के विकास के लिए संकल्पबद्ध हैं हम – KOSI MECHI INTRA STATE LINK PROJECT
बिहार के लिए बड़ी खबर है. कोसी मेची इंट्रा स्टेट लिंक प्रोजेक्ट और पटना आरा सासाराम फोर लेन कॉरिडोर को मंजूरी मिल गई है.
पटना: विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने बिहार को बड़ी सौगात दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने पटना से सासाराम 120.10 किमी तक 4-लेन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे दी है. यह 3,712.40 करोड़ रुपये की कुल लागत से विकसित होगी. इसके साथ ही 6282 करोड़ की लागत से बनने वाले कोसी मेची रिवर लिंक प्रोजेक्ट की भी स्वीकृति दे दी है. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने पीएम मोदी और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का आभार जताया है.
कोसी-मेची इंट्रा स्टेट लिंक प्रोजेक्ट को मंजूरी: बिहार की महत्वाकांक्षी कोसी-मेची रिवर लिंक प्रोजेक्ट को मोदी सरकार ने मंजूरी दे दी है. 6,282 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला कोसी-मेची रिवर लिंक प्रोजेक्ट बिहार के किसानों के लिए एक ऐतिहासिक कदम है. इससे अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार, खगड़िया, मधेपुरा सहित अन्य सीमावर्ती जिलों में सिंचाई की सुविधा बढ़ेगी और बाढ़ की समस्या कम होगी. यह परियोजना कृषि उत्पादकता को नया आयाम देगी और लाखों किसानों को राहत देगी.
क्या बोले पीएम मोदी?: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसकी जानकारी साझा की. उन्होंने कहा कि वह और उनकी सरकार बिहार के चौतरफा विकास के लिए संकल्पबद्ध है. पीएम ने एक्स पर लिखा कि बिहार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कोसी-मेची इंट्रा स्टेट लिंक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है. इससे सिंचाई के लिए पानी मिलेगा. साथ ही किसानों की आय भी बढ़ेगी.
“प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कोसी-मेची इंट्रा स्टेट लिंक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है. इससे जहां एक बड़े क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी मिलेगा, वहीं किसान भाई-बहनों की आय भी बढ़ेगी.”- नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
परियोजना में सोन नदी पर ही बनेगा सेतु: इस परियोजना के तहत सोन नदी पर एक सेतु का निर्माण भी शामिल है, जो कि कोईलवर के वर्तमान सेतु से लगभग 10 किमी अपस्ट्रीम में बिन्दौल-कोषीहान के बीच प्रस्तावित है. इस परियोजना अन्तर्गत पातर से असनी (एनएच-319, पुराना एनएच-30) को जोड़ने के लिए 3.80 किमी लम्बा 4-लेन स्पर का निर्माण किया जाएगा. असनी से वामपाली (एनएच-922) तक 4.5 किमी लम्बा आरा बाईपास का निर्माण कार्य के लिए भी निविदा आमंत्रित की गई है.
चुनाव से पहले बिहार को सौगात: इसके अतिरिक्त, यह परियोजना जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (पटना) और बिहटा हवाई अड्डे, चार प्रमुख रेलवे स्टेशन सासाराम, आरा, दानापुर और पटना तथा पटना में अंतर्देशीय जल टर्मिनल पहुंचने के लिए सुगम मार्ग उपलब्ध कराएगी. साथ ही यह पटना रिंग रोड तक सीधी पहुंच को सक्षम बनाएगी, जिससे माल और यात्रियों की तेज आवाजाही सुनिश्चित होगी.
पटना आरा सासाराम फोरलेन कॉरिडोर: वर्तमान में, सासाराम, आरा और पटना के बीच मौजूदा राज्य उच्च पथ (एसएच-2, एसएच-12, एसएच-81 और एसएच-102) पर निर्भर है. आरा शहर में भारी भीड़भाड़ के कारण यात्रा में 3-4 घंटे लगते हैं. इस परियोजना में 10.6 किलोमीटर के मौजूदा पथ (पातर से गड़हनी) में उन्नयन के साथ एक नया ग्रीनफील्ड कॉरिडोर विकसित किया जाएगा. यह परियोजना पटना रिंग रोड पर सदीसोपुर से शुरू होकर सासाराम में एनएच-19 (पुराना एनएच-2) पर सुअरा के पास समाप्त होगा.

पटना आरा सासाराम फोरलेन कॉरिडोर को मंजूरी (ETV Bharat)
आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान होगा: इस कॉरिडोर के पूरा होने पर यह क्षेत्रीय आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और लखनऊ, पटना, रांची और वाराणसी के बीच संपर्क में सुधार करेगा. यह परियोजना आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो बिहार में बुनियादी ढांचे को मजबूत करते हुए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी. इसके तहत 48 लाख मानव दिवस के बराबर रोजगार सृजित होने की संभावना है, जिससे पटना और उसके आसपास के क्षेत्रों में विकास और समृद्धि के नए मार्ग खुलेंगे.
काॅरिडोर से होगा फायदा: इस पथ का अधिकांष भाग हरितक्षेत्र मार्गरेखन पर होने के कारण एक नये काॅरिडोर पर विकास के लिए सुगम क्षेत्र का सृजन करेगा, जिससे औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. पटना-आरा-सासाराम काॅरिडोर के निर्माण के लिए 2 पैकेजों में निविदा आमंत्रित की गई है. निविदा प्राप्ति की अंतिम तिथि 14.04.2025 है. कार्य पूर्ण करने हेतु पैकेज-1 सासाराम से गड़हनी में कार्य आवंटन के बाद 2 वर्ष और पैकेज-2 पटना रिंग रेाड से असनी और पातर से गड़हनी में कार्य आवंटन के बाद 2.5 वर्ष का समय निर्धारित किया गया है. संवेदक द्वारा निर्माण के उपरान्त अगले 15 वर्षो तक मेंटेनेंस कार्य किया जाएगा. अगले 2 माह में इस कार्य की निविदा निष्पादित कर कार्य प्रारंभ करने का लक्ष्य निर्धारित है.
“राज्य सरकार द्वारा इस पथ के निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण का कार्य त्वरित गति से किया जा रहा है. इस परियोजना के निर्माण में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को हर प्रकार का सहयोग प्रदान करने हेतु राज्य सरकार कटिबद्ध है.”- नितिन नवीन, पथ निर्माण मंत्री, बिहार सरकार