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IRCTC होटल घोटाला मामला: कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव और परिवार को तलब किया

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दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व रेल मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव को IRCTC होटल भ्रष्टाचार मामले में तलब किया है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने आदेश दिया है कि सभी आरोपी 13 अक्टूबर को अदालत में मौजूद रहें, जब यह तय होगा कि क्या उनके खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे या नहीं।

मामला क्या है?

घोटाले की पृष्ठभूमि

यह मामला लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए (2004 से 2009) सामने आया। आरोप है कि उस दौरान इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज़्म कॉरपोरेशन (IRCTC) के दो होटलों – BNR रांची और BNR पुरी – के रखरखाव के ठेके में गड़बड़ी हुई।

किन होटलों के ठेके में गड़बड़ी का आरोप

सीबीआई का आरोप है कि इन होटलों के ठेके एक निजी कंपनी सुप्रसिद्ध सुजाता होटल को गैरकानूनी तरीके से दिए गए और इसके बदले लालू प्रसाद यादव के परिवार को तीन एकड़ की कीमती जमीन बेनामी सौदे के जरिए मिली।

सीबीआई के आरोप

बेनामी कंपनी के ज़रिए ज़मीन सौदे का आरोप

सीबीआई के मुताबिक, यह जमीन एक बेनामी कंपनी के माध्यम से लालू परिवार को ट्रांसफर की गई। जांच एजेंसी का कहना है कि इस सौदे के पीछे स्पष्ट भ्रष्टाचार और सत्ता का दुरुपयोग हुआ।

14 आरोपियों के खिलाफ केस

इस मामले में कुल 14 लोग आरोपी बनाए गए हैं, जिनमें लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और सुजाता होटल के मालिक शामिल हैं। सीबीआई का कहना है कि उसके पास आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।

लालू यादव का बचाव

वकील मनिंदर सिंह की दलील

लालू यादव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने अदालत में कहा कि सीबीआई के आरोप निराधार हैं और सबूतों से कोई भ्रष्टाचार साबित नहीं होता।

“टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी रही”

बचाव पक्ष का कहना है कि दोनों होटलों के लिए टेंडर पूरी तरह पारदर्शी प्रक्रिया से जारी किए गए थे और किसी तरह का पक्षपात या घोटाला नहीं हुआ।

कोर्ट की कार्यवाही

राउज एवेन्यू कोर्ट का आदेश

विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने 13 अक्टूबर को सभी आरोपियों को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया है। उस दिन यह तय किया जाएगा कि क्या आरोप तय किए जाएंगे या कुछ आरोपियों को discharge कर दिया जाएगा।

13 अक्टूबर की सुनवाई में सभी को उपस्थित होने का निर्देश

इस सुनवाई को बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि इसके बाद इस मामले में ट्रायल शुरू होने का रास्ता साफ हो सकता है।

राजनीतिक संदर्भ

लालू यादव और उनका परिवार पहले से कई मामलों में आरोपी

लालू प्रसाद यादव पहले भी चारा घोटाले जैसे कई मामलों में दोषी ठहराए जा चुके हैं और जेल भी जा चुके हैं।

विपक्ष का आरोप – “राजनीतिक बदले की कार्रवाई”

आरजेडी और विपक्ष का कहना है कि सीबीआई की कार्रवाई राजनीतिक दबाव में की जा रही है और इसका मकसद विपक्षी नेताओं को निशाना बनाना है।

अब तक की सुनवाई

सीबीआई ने 1 मार्च को रखी दलीलें पूरी

सीबीआई ने इस मामले पर अपनी दलीलें 1 मार्च 2025 को पूरी कर दी थीं और कहा था कि उसके पास आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त सामग्री है।

29 मई को अदालत ने आदेश सुरक्षित रखा

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने 29 मई को अपना आदेश सुरक्षित रखा था, जो अब 13 अक्टूबर को सुनाया जाएगा।

आगे क्या होगा?

चार्ज तय होने की संभावना

अगर अदालत को सबूत पर्याप्त लगते हैं, तो लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ आधिकारिक रूप से चार्ज तय होंगे और ट्रायल शुरू होगा।

परिवार के लिए कानूनी मुश्किलें

अगर चार्ज फ्रेम होते हैं, तो यह मामला लालू परिवार के लिए एक बड़ी कानूनी चुनौती बन सकता है, खासकर चुनावी राजनीति के समय।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. IRCTC होटल घोटाला मामला क्या है?
यह मामला 2004-2009 के बीच रेल मंत्री रहे लालू यादव पर लगे आरोपों से जुड़ा है, जिसमें होटलों के ठेके देने में भ्रष्टाचार का दावा किया गया है।

Q2. इस मामले में कितने आरोपी हैं?
कुल 14 लोग इस केस में आरोपी हैं, जिनमें लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव भी शामिल हैं।

Q3. सीबीआई का आरोप क्या है?
सीबीआई का कहना है कि होटलों के ठेकों के बदले लालू परिवार को तीन एकड़ जमीन दी गई।

Q4. लालू यादव का क्या कहना है?
लालू यादव का कहना है कि टेंडर पूरी तरह पारदर्शी थे और सीबीआई का आरोप राजनीति से प्रेरित है।

Q5. अगली सुनवाई कब है?
13 अक्टूबर को राउज एवेन्यू कोर्ट यह तय करेगी कि आरोप तय किए जाएंगे या नहीं।

Q6. अगर आरोप तय हुए तो क्या होगा?
अगर आरोप तय होते हैं, तो इस मामले का ट्रायल शुरू होगा और लालू परिवार को अदालत में पेश होना पड़ेगा।

निष्कर्ष

IRCTC होटल घोटाला मामला अब एक निर्णायक मोड़ पर है। 13 अक्टूबर की सुनवाई यह तय करेगी कि लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के खिलाफ आधिकारिक रूप से मुकदमा चलेगा या नहीं। यह केस न केवल कानूनी रूप से बल्कि राजनीतिक तौर पर भी बेहद अहम साबित हो सकता है।

👉 अधिक जानकारी के लिए आप The Hindu की रिपोर्ट देख सकते हैं।

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