
गया (बिहार): आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपने परिवार के साथ गया जी पहुंचे, जहां उन्होंने पितृपक्ष मेला के दौरान अपने पूर्वजों का पिंडदान और विष्णुपद मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस मौके पर उनकी पत्नी राबड़ी देवी, पुत्र तेजस्वी यादव और बहू राजश्री भी मौजूद रहीं।
गयापाल पंडा छोटू गुप्त ने बताया कि लालू यादव ने मंदिर की 16 वेदियों पर पिंडदान कर पूर्वजों के मोक्ष की कामना की।
तेजस्वी यादव ने साझा किया भावनात्मक पल
तेजस्वी यादव ने कहा कि यह पहली बार है जब पूरा परिवार एक साथ गया जी पहुंचा। उन्होंने कहा:
“पिताजी की इच्छा थी कि वे भगवान विष्णु का दर्शन करें और पिंडदान करें। यह हमारे लिए एक भावनात्मक क्षण है।”
लालू यादव का दूसरा गया दौरा
पंडा शंभू नाथ बगीचा वाले ने बताया कि लालू यादव इससे पहले रेल मंत्री रहते हुए भी गया जी आए थे और पिंडदान किया था। इस बार वह दूसरी बार इस धार्मिक अनुष्ठान में शामिल हुए और पंडा बही खाते में हस्ताक्षर भी किए।
राजनीतिक रंग भी चढ़ा
लालू यादव के दौरे पर राजनीति भी गरमा गई। राजद विधायक कुमार सर्वजीत ने कहा:
“धन्य हैं लालू यादव, जो सपरिवार विष्णुपद मंदिर पहुंचे। जबकि पीएम मोदी यहां केवल सभा करने आते हैं और चले जाते हैं।”
बिहार को अपराधमुक्त बनाने की कामना
तेजस्वी यादव ने इस अवसर पर कहा कि वे चाहते हैं कि बिहार महंगाई, भ्रष्टाचार और अपराध से मुक्त हो। उन्होंने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार आरजेडी की नीतियों से घबराकर योजनाओं की घोषणा कर रही है। साथ ही उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी की जीत का भी दावा किया।
गया जी का धार्मिक महत्व
गया जी को मोक्ष की नगरी कहा जाता है। यहां पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति और मोक्ष प्राप्त होता है। लालू यादव का यह दौरा धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक—तीनों दृष्टिकोणों से चर्चा का विषय बना।
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