
लद्दाख के लेह में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर शुरू हुआ शांतिपूर्ण विरोध अचानक हिंसक हो गया। छात्रों और पुलिस के बीच हुई झड़प में हालात बिगड़ गए, और प्रदर्शनकारियों ने BJP ऑफिस तथा कई वाहनों में आग लगा दी। यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब केंद्र सरकार LAB और KDA से वार्ता शुरू करने की तैयारी में है।
विरोध प्रदर्शन की वजह
-
मांगें:
-
लद्दाख को राज्य का दर्जा दिया जाए।
-
छठी अनुसूची में शामिल किया जाए।
-
-
चार सूत्री समझौते पर वादाखिलाफी का आरोप केंद्र सरकार और UT प्रशासन पर लगाया गया।
-
क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक सहित कई लोग 15 दिन से भूख हड़ताल पर हैं।
भूख हड़ताल और बिगड़ती हालत
-
15 लोगों की भूख हड़ताल में से 2 की तबीयत बिगड़ी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
-
इसी वजह से LAB युवा शाखा ने विरोध प्रदर्शन और बंद का आह्वान किया।
पुलिस और छात्रों की झड़प
-
पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे।
-
प्रदर्शनकारियों ने BJP ऑफिस में आगजनी की और पुलिस वैन सहित कई वाहनों को भी आग लगा दी।
-
फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
BJP ऑफिस और वाहनों में आग
इस हिंसक प्रदर्शन के दौरान:
-
BJP ऑफिस को आग के हवाले किया गया।
-
पुलिस की गाड़ियाँ और अन्य वाहन भी जलाए गए।
-
शहर में तनाव का माहौल है और भारी सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
LAB और KDA की भूमिका
-
लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) लंबे समय से राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग कर रहे हैं।
-
LAB ने साफ कहा है कि “जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, भूख हड़ताल खत्म नहीं होगी।”
-
LAB और KDA का 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही गृह मंत्रालय से मुलाकात करेगा।
राजनीतिक असर और केंद्र की चुनौती
-
लेह की घटना से केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ गया है।
-
विपक्ष इसे सरकार की नीतियों की विफलता बता सकता है।
-
गृह मंत्रालय के लिए यह जरूरी है कि LAB और KDA के नेताओं के साथ बातचीत से समाधान निकले।
FAQs
Q1. लेह में विरोध क्यों हुआ?
लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर यह विरोध हुआ।
Q2. हिंसा कैसे भड़की?
छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हुई, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने BJP ऑफिस और वाहनों में आग लगा दी।
Q3. LAB और KDA क्या हैं?
LAB (लेह एपेक्स बॉडी) और KDA (कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस) लद्दाख के सामाजिक-राजनीतिक संगठन हैं, जो राज्य का दर्जा और विशेष अधिकारों की मांग कर रहे हैं।
Q4. सोनम वांगचुक की भूमिका क्या है?
क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक 15 दिन से भूख हड़ताल पर हैं और उन्होंने केंद्र पर समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
Q5. क्या किसी की जान गई है?
अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, हालांकि कई लोग घायल हुए और दो भूख हड़ताली कार्यकर्ताओं की हालत गंभीर है।
Q6. आगे क्या होगा?
LAB और KDA का प्रतिनिधिमंडल गृह मंत्रालय से बातचीत करेगा। स्थिति इस वार्ता पर निर्भर करेगी।
निष्कर्ष
लेह का यह विरोध सिर्फ एक क्षेत्रीय आंदोलन नहीं बल्कि लद्दाख की जनता की राजनीतिक पहचान और अधिकारों की लड़ाई है। BJP ऑफिस में आगजनी और पुलिस-छात्र झड़प ने इसे और गंभीर बना दिया है। अब सबकी निगाहें LAB और KDA की प्रस्तावित वार्ता पर टिकी हैं, जो इस संकट का समाधान निकाल सकती है।