
‘लाठी चलाना ठीक नहीं…’, BPSC अभ्यर्थियों के पक्ष में चिराग पासवान; NDA को लेकर किया ये दावा
LJP Ram Vilas Chief Chirag Paswan: बिहार में एनडीए में चल रही टूट की चर्चाओं के बीच चिराग पासवान का बड़ा बयान सामने आया है। चिराग ने बीपीएससी के अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज को लेकर भी अपनी बात रखी है।
बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसको लेकर राजनीति गर्माई हुई है। एनडीए में टूट की चर्चा जोरों पर है। इस बीच केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सुप्रीमो चिराग पासवान का बड़ा बयान सामने आया है। चिराग ने एनडीए में टूट की चर्चा को गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि एनडीए अटूट और एकजुट है। विपक्षी महागठबंधन के नेता गलत बयानबाजी कर रहे हैं। सभी दल एक हैं, कोई एक भी पार्टी उनके (विपक्ष) साथ नहीं जाने वाली। चिराग ने दावा किया कि एनडीए में शामिल पांचों दल एक साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे। मजबूती के साथ चुनाव लड़कर 225 सीटों पर जीत हासिल करेंगे और बिहार में फिर एनडीए की सरकार बनेगी।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान गुरुवार को पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पिछले दिनों राजधानी पटना में बीपीएससी अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा की। चिराग ने कहा कि सभी अभ्यर्थियों की मांगों पर विचार करते हुए सरकार उनको पूरा करे। बातचीत से ही मुद्दे को सुलझाना चाहिए, लाठी चलाना किसी भी समस्या का हल नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग भी यह प्रयास कर रहे हैं कि एनडीए को तोड़ा जाए। जो लोग ये मुंगेरी लाल के सपने देख रहे हैं कि एनडीए में किसी प्रकार की टूट होगी या कोई घटक टूटकर विपक्ष के साथ मिल जाएगा। ऐसा कुछ नहीं होने वाला है।
नामांकन के दौरान एकजुट दिखा एनडीए
बता दें कि बिहार में विधान परिषद की एक सीट खाली है। इसके उपचुनाव को लेकर गुरुवार को एनडीए ने जेडीयू के ललन प्रसाद को प्रत्याशी घोषित किया है। इस दौरान एनडीए के सभी दल एक साथ नजर आए। विधानसभा परिसर में नामांकन के दौरान बिहार के सीएम नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल समेत अन्य नेता मौजूद रहे।
बता दें कि कुछ दिन पहले बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा (PT) को रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया था। अभ्यर्थियों के विरोध को देखते हुए पुलिस ने पहले पानी की बौछारें की थीं और बाद में लाठीचार्ज कर दिया था। लाठीचार्ज के कारण कई अभ्यर्थी घायल हुए थे। इसके चलते बिहार की राजनीति गर्मा गई थी।