
छपरा, बिहार:
बिहार के छपरा जिले स्थित मढ़ौरा लोकोमोटिव फैक्ट्री ने इतिहास रच दिया है। यहां बने KOMO डीजल इंजन अब सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की रेल पटरियों पर दौड़ेंगे। फैक्ट्री की पहली खेप जल्द ही अफ्रीकी देश गिनी को एक्सपोर्ट की जा रही है, जिससे भारत पहली बार वैश्विक डीजल इंजन निर्यातक की सूची में शामिल हो गया है।
KOMO इंजन: बिहार से दुनिया तक
मढ़ौरा में तैयार ये KOMO लोकोमोटिव हाई-हॉर्सपावर डीजल इंजन हैं, जिनकी पहली खेप 26 मई 2025 को गिनी के तीन मंत्रियों की मौजूदगी में फाइनल हुई ₹3,000 करोड़ की डील के तहत भेजी जाएगी। इस डील में 140 इंजन सप्लाई किए जाएंगे।
मेक इन इंडिया से मेड इन बिहार तक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ विजन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘विकसित बिहार’ मिशन ने इस सफलता को जन्म दिया। इस फैक्ट्री की स्थापना 2018 में हुई थी और अब तक 729 डीजल इंजन बन चुके हैं, जिनमें:
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4500 HP के 545 इंजन
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6000 HP के 184 इंजन शामिल हैं।
फैक्ट्री 226 एकड़ में फैली है और Webtec Inc (76%) तथा भारतीय रेलवे (24%) का संयुक्त उपक्रम है।
ग्लोबल स्टैंडर्ड और सप्लाई चेन का केंद्र बना बिहार
इन इंजनों में 40–50% कंपोनेंट्स देश के विभिन्न राज्यों — महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, दिल्ली, जमशेदपुर — से आते हैं, जबकि कुछ तकनीकी पार्ट्स अमेरिका से आयात होते हैं। अब एक्सपोर्ट बढ़ने के साथ बिहार ग्लोबल स्टैंडर्ड गेज मैन्युफैक्चरिंग में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
स्थानीय रोजगार को मिलेगा नया आयाम
इस प्रोजेक्ट से बिहार के युवाओं को तकनीकी नौकरियों में अवसर मिलेगा। MSME सेक्टर और लोकल सप्लायर्स की भागीदारी बढ़ेगी, जिससे बिहार की आर्थिक स्थिति और मज़बूत होगी।
बिहार: अब तकनीक का निर्यातक
यह खबर सिर्फ एक औद्योगिक सफलता नहीं बल्कि एक नई पहचान है। बिहार अब मजदूर भेजने वाला नहीं, तकनीक और इंजन निर्यात करने वाला प्रदेश बन रहा है। मढ़ौरा का यह इंजन अब भारत की तकनीक, आत्मनिर्भरता और वैश्विक विश्वास का प्रतीक बन चुका है।