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महागठबंधन के घोषणापत्र के कवर पर लालू की छोटी फोटो, JDU ने साधा निशाना — बोली, “तेजस्वी लालू की विरासत से भाग रहे हैं”

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पटना, बिहार:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन ने मंगलवार को अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया। इसे नाम दिया गया है — “तेजस्वी प्रण”
घोषणापत्र में रोजगार, शिक्षा, कृषि, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक सुरक्षा को केंद्र में रखा गया है।
लेकिन घोषणा पत्र के कवर पेज पर लालू प्रसाद यादव की छोटी सी फोटो देखकर राजनीति गर्मा गई है।


🔥 JDU का तेजस्वी पर हमला

जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा —

“तेजस्वी यादव अब अपने माता-पिता के पापों से बचना चाहते हैं। लालू-राबड़ी के शासन को जंगलराज कहा जाता था, अब तेजस्वी उसी छाया से दूर भाग रहे हैं। अगर लालूवाद विचारधारा है, तो क्या उनके शासन पर गर्व नहीं है?”

नीरज कुमार ने आगे कहा —

“घोषणापत्र में लालू की तस्वीर इतनी छोटी है कि लगता है तेजस्वी उनसे दूरी बनाना चाहते हैं। अगर हिम्मत है तो बताएं — लालू के शासन पर गर्व है या शर्म?”


⚡ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सोशल मीडिया पोस्ट में युवाओं को चेताते हुए लिखा —

“कुछ लोग सरकारी नौकरी देने की झूठी घोषणा कर रहे हैं। बिहार के युवाओं को इससे सतर्क रहना चाहिए। काम हम करते हैं, आगे भी हम ही करेंगे।”


🔎 NDA की आलोचना — ‘जंगलराज की वापसी का डर’

BJP और JDU नेताओं ने लालू-राबड़ी शासनकाल को याद दिलाते हुए कहा कि

“अगर RJD सत्ता में आई, तो बिहार फिर से उसी जंगलराज के दौर में लौट जाएगा।”

नीरज कुमार ने यह भी पूछा —

“तेजस्वी लालू राज की चर्चा क्यों नहीं करते? अगर वह सुनहरे दिन थे, तो आज छुप क्यों रहे हैं?”


📘 महागठबंधन का घोषणापत्र “तेजस्वी प्रण” — 25 वादे

तेजस्वी यादव ने पटना के मौर्या होटल में घोषणापत्र जारी किया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ दस्तावेज़ नहीं, बल्कि “जनता से लिया गया प्रण” है।
घोषणापत्र में कुल 25 प्रमुख वादे किए गए हैं 👇

क्रमांक प्रमुख वादा विवरण
1 हर परिवार से एक को सरकारी नौकरी युवाओं के लिए रोजगार की गारंटी
2 जीविका दीदियों को सरकारी दर्जा 10 लाख से अधिक महिलाओं को लाभ
3 संविदा कर्मियों की स्थायीकरण नीति अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा
4 आईटी, कृषि, टूरिज्म, डेयरी सेक्टर नए रोजगार सृजन के प्रावधान
5 पुरानी पेंशन योजना (OPS) सरकारी कर्मचारियों के लिए
6 ‘माई-बहिन मान योजना’ महिलाओं को ₹2,500 मासिक सहायता
7 वृद्ध, विधवा, दिव्यांग पेंशन ₹1,500 से बढ़ाकर ₹3,000 प्रति माह
8 हर परिवार को 200 यूनिट फ्री बिजली घरेलू उपभोक्ताओं के लिए राहत योजना
9 माइक्रोफाइनेंस नियंत्रण कानून महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा
10 प्रतियोगी परीक्षा फॉर्म शुल्क खत्म और फ्री परीक्षा यात्रा सुविधा
11 महिला कॉलेज और डिग्री कॉलेज हर अनुमंडल में कॉलेज निर्माण
12 शिक्षकों/स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति गृह जिले से 70 किमी के भीतर
13 किसानों को MSP और मंडी बहाली सभी फसलों पर न्यूनतम मूल्य गारंटी
14 मुफ्त स्वास्थ्य बीमा ₹25 लाख तक हर परिवार के लिए
15 मनरेगा मजदूरी ₹300/200 दिन ग्रामीण रोजगार बढ़ाने की योजना
16 ‘अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण कानून’ सामाजिक न्याय सुनिश्चित
17 आरक्षण सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव संविधान की नौवीं अनुसूची में भेजा जाएगा
18 पंचायत आरक्षण 30% अतिपिछड़ों के लिए
19 Zero Tolerance नीति अपराध नियंत्रण के लिए
20 अल्पसंख्यक अधिकार सुरक्षा वक्फ संशोधन विधेयक पर रोक
21 प्रवासी मजदूर विभाग ‘बिहार मित्र केंद्र’ शहरों में स्थापित
22 पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय दोगुना ₹50 लाख बीमा और पेंशन योजना
23 PDS डीलरों का मानदेय और आयु सीमा में छूट
24 परंपरागत जातियों के लिए ₹5 लाख ब्याज-मुक्त आर्थिक सहायता
25 दिव्यांग विकास कार्यक्रम पंचायत स्तर पर दिव्यांग मित्र नियुक्ति

🗣️ तेजस्वी यादव का पलटवार

तेजस्वी यादव ने इस दौरान नीतीश कुमार और BJP पर सीधा हमला बोला —

“बीजेपी अब नीतीश कुमार को सिर्फ पुतले की तरह इस्तेमाल कर रही है। बिहार की जनता अब यह खेल समझ चुकी है। मैं नीतीश जी का सम्मान करता हूं, लेकिन अब वे सिर्फ चेहरा हैं, फैसले कोई और ले रहा है।”


📊 राजनीतिक विश्लेषण

राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, घोषणापत्र की सामग्री से ज्यादा चर्चा लालू की छोटी तस्वीर को लेकर हो रही है।
कई विश्लेषकों का कहना है कि यह RJD की ‘रूपांतरण रणनीति’ का हिस्सा है — जिसमें लालू की छवि को सीमित कर तेजस्वी को नया चेहरा बनाना चाहा जा रहा है।
वहीं विरोधी दल इसे लालू की विरासत से ‘राजनीतिक पलायन’ बता रहे हैं।


📌 निष्कर्ष

महागठबंधन का घोषणापत्र भले ही रोजगार, OPS और महिला सशक्तिकरण जैसे बड़े वादों से भरा है, लेकिन सियासी हलकों में सबसे ज्यादा चर्चा लालू प्रसाद यादव की छोटी तस्वीर पर है।
JDU और BJP इसे ‘लालू की विचारधारा से दूरी’ बता रहे हैं, जबकि RJD इसे ‘नई पीढ़ी की सोच’ कह रही है।

2025 के चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता “तेजस्वी प्रण” के वादों पर भरोसा करती है या इसे एक और चुनावी दस्तावेज मानकर छोड़ देती है।


🔗 बाहरी लिंक (External Source):

👉 NDTV Hindi – बिहार चुनाव कवरेज 2025
👉 Election Commission of India – Bihar Assembly 2025 Updates


❓ FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. महागठबंधन के घोषणापत्र का नाम क्या है?
घोषणापत्र का नाम है “तेजस्वी प्रण”

Q2. लालू यादव की फोटो को लेकर विवाद क्यों हुआ?
कवर पेज पर लालू यादव की तस्वीर बहुत छोटी दिखाई गई, जिससे विपक्ष ने इसे ‘राजनीतिक दूरी’ बताया।

Q3. JDU ने क्या प्रतिक्रिया दी?
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी अपने पिता के शासन से शर्मिंदा हैं।

Q4. घोषणापत्र में कितने वादे हैं?
कुल 25 प्रमुख वादे, जिनमें नौकरी, OPS और मुफ्त बिजली जैसे मुद्दे शामिल हैं।

Q5. तेजस्वी ने नीतीश और BJP पर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि “नीतीश अब सिर्फ पुतला हैं, फैसले कोई और लेता है।”

Q6. क्या लालू का प्रभाव RJD पर घट रहा है?
विशेषज्ञों के अनुसार, पार्टी अब ‘तेजस्वी-केंद्रित’ छवि गढ़ने में लगी है।

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