
महाराष्ट्र में लॉक डाउन के निकास रणनीति को लेकर राज्य के सत्तारूढ़ सहयोगी के दरार के खबरों के बीच बीते सोमवार को महारष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एन सी पी प्रमुख शरद पवार ने एक दूसरे से मुलाक़ात की।
दोनों नेता के मुख्यमंत्री के मुंबई निवास, माटोश्री में एक दुसरे से मुलाक़ात करने के बाद सत्तारूढ़ सहयोगी के बीच के तनाव की ख़बरों ने जोर पकड़ लिया। इनके बीच के तनाव के खबरों का जोर तब पकड़ा जब एन सी पी प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र को लॉक डाउन से धीरे धीरे खोलने का सुझाव दिया था ताकि महाराष्ट्र में धीरे धीरे आर्थिक गतिविधियां शुरू किया जा सके।
रिपोर्ट के अनुसार शरद पवार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के महाराष्ट्र में लागू लॉक डाउन को न खोलने के विचार से असहमत थे। शरद पवार चाहते थे की उद्धव ठाकरे एक बार उनके दिए गए सुझावों पर भी विचार करे।
दोनों पार्टियों का मुलाक़ात के बाद ये कहना था की मीटिंग में महाराष्ट्र में चल रही कोरोना वायरस से फैली महामारी और उसके प्रभाव पर विचार विमर्श किया गया।
शिव सेना प्रमुख संजय राउत ने मीटिंग के बाद ट्वीट करते हुए कहा, “चिंता करने वाली कोई बात नहीं है। महाराष्ट्र की सरकार मजबूती के साथ खड़ी है।”
शरद पवार और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच माटोश्री निवास पर लगभग डेढ़ घंटे मीटिंग चली जिसके बाद शिव सेना प्रमुख संजय राउत ने कहा, “अगर कोई महाराष्ट्र के सरकार के स्थिरता पर सवाल उठा रहा है तो वो उनके अपने पेट दर्द का नतीजा है। महाराष्ट्र की सरकार मजबूत है और चिंता करने वाली कोई बात नहीं है।”
मुख्यमंत्री से मुलाक़ात से पहले शरद पवार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से भी मुलाक़ात की थी। एन सी पी के नेता प्रफुल पटेल ने इस मीटिंग को बस एक विनम्र मुलाक़ात बताया।
प्रफुल पटेल ने कहा, “शरद पवार जी और राज्यपाल के बीच हुई मुलकात बस एक विनम्र मुलाक़ात थी। हम बस राज्यपाल साहब के यहाँ चाय पीने गए थे जिसका निमंत्रण राज्यपाल साहब ने खुद दिया था। इस मुलाक़ात में कहीं से कोई भी राजनीती नहीं थी।”
हालाँकि ये मुलाक़ात ने सबका अपनी ओर ध्यान खींचा क्यूंकि इससे पहले शरद पवार ने कई बार महाराष्ट्र सरकार के काम में बार बार राज्यपाल के दखल अंदाज़ी को लेकर महाराष्ट्र के राज्यपाल के खिलाफ आवाज़ उठाई है।
हाल में ही राजयपाल ने राज्य के मंत्री उदय सामंत के द्वारा यु जी सी को लिखे खत के खिलाफ भी आपत्ति जताई थी, जिसमे कहा गया था की फिलहाल यूनिवर्सिटी के होने वाले सारे परीक्षाओं को रद्द कर दिया जाये। राज्यपाल कोश्यारी ने इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को खत लिखकर कहा था की साल के फाइनल परीक्षाओं को रद्द करना यु जी सी के दिशा निर्देशों के खिलाफ होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से राज्य के नेता समंत को इस अवांछित हस्तक्षेप करने के लिए समझाने को कहा था।
इन सब के बीच बी जे पी नेता नारायण राणे ने भी राज्यपाल से मुलाक़ात की और कहा की राज्य की शिव सेना सरकार कोविद-19 से लड़ने बिलकुल विफल रही है, इसीलिए उन्होंने मांग रखी की महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन जल्द से जल्द लागू किया जाए।