
पटना।
बिहार की सियासत में एक बार फिर जातीय जनगणना को लेकर हलचल मच गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने भाजपा और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उनका आरोप है कि जातीय गणना को लेकर जो कवायद दिखाई जा रही है, वह सिर्फ एक राजनीतिक छलावा है।
मनोज झा का सीधा हमला: “यह सामाजिक न्याय के साथ खिलवाड़ है”
RJD प्रवक्ता मनोज झा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मांग की है कि वे इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाएं और स्पष्ट करें कि ओबीसी जनगणना को सिर्फ औपचारिकता क्यों बनाया जा रहा है।
उन्होंने चेतावनी दी:
“अगर सरकार ओबीसी डाटा छुपाती है या जातीय गणना में गड़बड़ी करती है, तो देश में जनसैलाब उठेगा।“
मनोज झा ने इसे सिर्फ आंकड़ों की नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की लड़ाई बताया।
तेजस्वी यादव के पत्र पर उठाए सवाल
मनोज झा ने बताया कि तेजस्वी यादव ने 4 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने आरक्षण और जातीय जनगणना को लेकर महत्वपूर्ण सवाल उठाए थे। लेकिन 9 जून तक भी कोई जवाब नहीं आया।
“क्या यह पत्र मुख्यमंत्री तक पहुंचा भी है? और अगर पहुंचा है तो अब तक जवाब क्यों नहीं दिया गया?” – मनोज झा
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस विषय पर जानबूझकर चुप्पी साध रही है।
गृह मंत्रालय पर गंभीर आरोप
मनोज झा ने यह भी कहा कि विपक्ष के नेताओं के पत्रों की मॉनिटरिंग गृह मंत्रालय करता है और यह तय करता है कि जवाब देना है या नहीं।
“तेजस्वी यादव द्वारा उठाए गए मुद्दों का जवाब विभागीय स्तर पर तैयार किया जाता है। इससे यह साफ है कि सरकार इसे जानबूझकर टाल रही है।”
निष्कर्ष:
जातीय जनगणना को लेकर बिहार से उठी यह आवाज अब राष्ट्रीय राजनीति में गूंज रही है।
मनोज झा का हमला यह दर्शाता है कि यह मुद्दा सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की नींव से जुड़ा हुआ है।
अब देखने वाली बात होगी कि केंद्र सरकार इसपर क्या रुख अपनाती है – स्पष्टता या चुप्पी?