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म्यांमार की सेना ने अपने ही लोगों पर कर दी एयर स्ट्राइक, 80 नागरिकों की मौत और 100 से ज्यादा घायल

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म्यांमार की सेना ने अपने ही लोगों पर कर दी एयर स्ट्राइक, 80 नागरिकों की मौत और 100 से ज्यादा घायल

म्यांमार की सेना ने अपने ही लोगों पर एयर स्ट्राइक कर दी है। इन हवाई हमलों में गायकों और संगीतकारों सहित 80 से अधिक लोग मारे गए, जो काचिन जातीय अल्पसंख्यक समूह के सालगिरह समारोह में शामिल हुए थे। काचिन कला संघ के प्रवक्ता ने बताया कि इन हवाई हमलों में 80 लोगों की मौत हो गई, जबकि लगभग 100 अन्य घायल हो गए। उन्होंने बताया कि समारोह स्थल पर सैन्य विमान से 4 बम गिराए गए थे।

ये हमले ऐसे समय में हुए हैं, जब 3 दिन बाद दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के विदेश मंत्री म्यांमार में व्यापक हिंसा पर चर्चा करने के लिए इंडोनेशिया में विशेष बैठक करने वाले हैं। पिछले साल फरवरी में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद रविवार रात को आयोजित समारोह में हुए हवाई हमले में पहली बार एक ही अटैक में इतनी अधिक संख्या में लोगों की मौत का मामला सामने आया है।

हमले के बाद के दिखे भयानक मंजर
घटना के विवरण की स्वतंत्र रूप से पुष्टि करना असंभव है। हालांकि, काचिन के प्रति सहानुभूति रखने वाले मीडिया की ओर से साझा किए गए वीडियो में हमले के बाद के भयानक मंजर को दिखाया गया है। सैन्य सरकार के सूचना कार्यालय ने पुष्टि की कि काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी की 9वीं ब्रिगेड के मुख्यालय पर हमला किया गया था, इसे काचिन समूह की ओर से किए गए आतंकवादी कृत्यों के जवाब में आवश्यक ऑपरेशन कहा गया। हालांकि, सूचना कार्यालय ने बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने की बात को अफवाह करार दिया और इनकार किया कि सेना ने संगीत कार्यक्रम पर बमबारी की व मारे गए में श्रोता भी शामिल थे।

निहत्थे नागरिकों के खिलाफ हुआ बल प्रयोग’
म्यांमार में संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय ने कहा कि वह हवाई हमलों की खबरों से बेहद चिंतित और दुखी है। बयान में कहा गया कि सुरक्षा बलों की ओर से निहत्थे नागरिकों के खिलाफ बल प्रयोग किया जाना अस्वीकार्य है। इसके जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए। म्यांमार में जातीय अल्पसंख्यकों की ओर से स्वायत्तता की मांग को दशकों से खारिज किया जा रहा है। काचिन स्वतंत्रता संगठन की स्थापना की 62वीं वर्षगांठ का उत्सव रविवार को उस स्थान पर मनाया जा रहा था, जिसका इस्तेमाल काचिन की सैन्य शाखा द्वारा सैन्य प्रशिक्षण के लिए भी किया जाता है। यह हपाकांत क्षेत्र में स्थित है, जो म्यांमार के सबसे बड़े शहर यांगून से करीब 950 किलोमीटर दूर है।

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