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बाघ के हमले में वृद्ध की मौत

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सिवनी, (मप्र) दो अप्रैल (भाषा) मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में पेंच बाघ अभयारण्य अंतर्गत घाटकोहका बफर वन परिक्षेत्र की आगरी बीट के जंगल से लगे खेत में महुआ बीन रहे 62 वर्षीय वृद्ध पर शुक्रवार सुबह एक बाघ ने हमला कर दिया। बाघ के इस हमले में वृद्ध की मौके पर मौत हो गई।

पेंच बाघ अभयारण्य के क्षेत्र संचालक व मुख्य वनसंरक्षक विक्रम सिंह परिहार ने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे घाटकोहका बफर वन परिक्षेत्र अंतर्गत आगरी बीट से लगे खेत में ऐरमा गांव निवासी वृद्ध किसान घासीराम वर्मा (58) महुआ बीन रहा था। उन्होंने बताया कि इसी दौरान खेत में मौजूद बाघ ने महुआ बीन रहे वृद्ध किसान पर अचानक हमला कर दिया जिससे वृद्ध घासीराम वर्मा की घटना स्थल पर मौत हो गई।

उन्होंने बताया कि घटनास्थल की परिस्थितियों को देखकर वन अधिकारी अंदाजा लगा रहे हैं कि संभवत: महुए के पेड़ के आसपास मौजूद बाघ से मृतक घासीराम वर्मा का सीधा सामना हो गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान वृद्ध को संभलने का मौका नहीं मिला और बाघ ने घासीराम की गर्दन दबोच ली, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उन्होंने बताया कि घासीराम को मारने के बाद बाघ वापस जंगल लौट गया।

वन अधिकारियों के मुताबिक जिस क्षेत्र में घटना हुई है, उस क्षेत्र में बाघ की लंबे समय से आवाजाही है। इस बात की जानकारी वन अमले व क्षेत्र ग्रामीणों को होने के बावजूद वृद्ध अकेला जंगल से लगे खेत में पहुंच गया, जिसके कारण उसकी जान चली गई।

सूचना मिलते ही पेंच बाघ अभयारण्य के उपसंचालक एस बी सिरसैया व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। पंचनामा कार्रवाई के बाद शव पोस्टमार्टम के बाद परिजन को सौंप दिया गया। मृतक के स्वजनों को त्वरित दी जाने वाली राहत राशि अंतिम संस्कार के लिए प्रदान कर दी गई।

सिरसैया ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मृतक के स्वजनों को ढांढस बंधाया। पेंच प्रबंधन ने मृतक के स्वजनों को दी जाने वाली 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता के लिए मामला तैयार करके स्वीकृति की कार्रवाई शुरू कर दी है।

घटना के बाद क्षेत्र के कुछ लोगों ने पेंच पार्क के वन अमले पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। मौके पर कार्रवाई करने पहुंचे वन अमले पर ग्रामीणों ने पत्थर फेंके लेकिन ग्रामीणों व वन अमले के बीच दूरी अधिक होने के कारण किसी को चोट नहीं आई।

सिरसैया ने बताया कि जंगल से लगे राजस्व क्षेत्र में बाघ के विचरण को देखते हुए पार्क प्रबंधन ने सर्चिंग के लिए हाथियों को मौके पर बुलाया है। हाथियों की मदद से यह पता लगाया जाएगा कि बाघ अभी कहां है।

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