
रक्सौल (बिहार): भारत और नेपाल की 1751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा के बीच स्थित मुसहरी गांव अपनी अनोखी भौगोलिक स्थिति के कारण चर्चा में है।
इस गांव की खासियत यह है कि यहां घर का आंगन भारत में होता है और दालान नेपाल में।
दुर्गा पूजा का पंडाल नेपाल में सजता है, तो देवी प्रतिमा भारत में स्थापित की जाती है।
गांव का आधा भारत में, आधा नेपाल में
गांव का आधा हिस्सा भारत और आधा नेपाल में आता है।
दोनों देशों को अलग करने वाला केवल एक सीमा स्तंभ (पिलर नंबर 839) है।
हालिया दिनों में नेपाल में तनाव और कैदियों के भागने की घटना के बाद इस इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
यहां एसएसबी (भारत) और नेपाल सीमा प्रहरी 24 घंटे तैनात रहते हैं।
रिश्ते और त्योहारों में एकजुटता
मुसहरी गांव में भारत और नेपाल के लोग एक-दूसरे के त्योहार, शादी-ब्याह और पारिवारिक रिश्तों में बराबर शामिल होते हैं।
गांव का ब्रह्म स्थान भारत में है, जबकि छठ पूजा मनाने लोग नेपाल जाते हैं।
कई परिवारों के सदस्य भारत और नेपाल, दोनों देशों के अलग-अलग नागरिक हैं।
‘हम एक परिवार की तरह रहते हैं’
गांव के बुजुर्ग सूरज प्रसाद कहते हैं:
“भले ही यह पिलर और सुरक्षा प्रहरी हमें अलग करते हैं, लेकिन हम एक परिवार की तरह रहते हैं।”
गांव के स्कूल में भी नेपाल के बच्चे पढ़ते हैं, क्योंकि वहां उन्हें खिचड़ी नहीं मिलती।
यह गांव भारत-नेपाल की गहरी दोस्ती और सांस्कृतिक एकता का जीता-जागता उदाहरण है।
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