
क्या नेपाल भी अफगानिस्तान बनने वाला है ? क्या नेपाली-जनता तीन भागों मे बँटने जा रही है ?
अंतर्राष्ट्रीय-भविष्यवाणी
आजकल नेपाल मे बहुँत हँलचल है ।
नेपाल इस समय अंतराष्ट्रीय साजिश का शिकार होते जा रहा है । चीनी वामपंथी तो पहले भी ऐसा कर चुके है, अब वामपंथियों के साथ-साथ आतंकी भी नेपाल को अपना ठिकाना बना रहे है ।
भारत के लिए नए तरीकों से नए स्टाईल से परेशानी देने के लिए यह सब किया जा रहा है ।
भारत-सरकार को और भारतीय-गुप्तचर-एजेंसियों को बहुँत सावधान रहने की जरूरत है ।
चीन एवं पाकिस्तान की आगे की रणनीति भारत के संदर्भ में काफी खतरनाक लगती है ।
नेपाल का पुराना नाम नृपाल भी है ।
यह प्राचीन काल से भारतीय सनातन धर्म का ही क्षेत्र रहा है । यह भारतवर्ष का ही हिस्सा रहा है, तिब्बत की तरह । मगर अब चीन की मंशा नेपाल को भी तिब्बत की तरह हडपना ही है, साथ ही भारत को डिस्डर्ब करके अपना आधिपत्य भी दुनियाँ मे कायम करना है ।
चीन चाहता है कि वह जब भी भारत से लडे तो नेपाल के आकाश मे लडे ताकि जानमाल नेपाल का ही जाएँ । चीन को कोई क्षति न हों ।
चीन बहुँत चालाकी से अभी नेपाल को अपने तरफ झुका रहा है । बाद मे नेपाल को अफगानिस्तान की तरह इस्तमाल करते हुँए इस सुंदर प्राकृतिक-क्षेत्र नेपाल को गोली-बारूद से आग लगाकर जलाना शुरू करेगा ।
आतंकियों का अड्डा बनेगा नेपाल ।
अभी तो यह सब कमतर है, जल्दी ही यह कार्य तेज करेगा चीन ।
अभी राहु वृष मे गया है, कार्य प्रारंभ समझे ।
जैसे ही राहु मेष मे प्रवेश करेगा सोमवार 11 अप्रैल 2022 में, यह खूनी खेल तेज होने की पूरी संभावना है ।
और नेपाल की वृश्चिक राशि से चौथे कुंभ पर शनि का आगमन रविवार 1मई 2022 से नीम पर करेला तेज । क्योकि तब नेपाल पर शनि-ग्रह का ढैया लग जाएगा ।
मतलब वह होगा जो नेपाली जनता सोच भी नही सकती है ।
तब नेपाली जनता तीन भागों मे बँट जाएँगी । एक होगी नेपाली देशप्रेमी, दूसरे तरह की गुट होगी चीन-प्रिय, और तीसरे प्रकार की होगी भारत-नेपाल मित्रता प्रिय ।
अब आपलोगो को कुछ समझ मे आया तो ठीक, अन्यथा सोचते रहिएँ, चीन अपने काम में लग चुका है । नेपाल-सरकार और नेपाली-जनता को पैसा खिलाकर, नेपाल मे कुछ रोड-रेल बनाकर वह (चीन) भारत-नेपाल सीमा तक आने मे लग चुका है ।
मतलब साफ है, अफगानिस्तान की तरह की युद्ध-भूमि नेपाल बनने जा रहा है ।
प्रदीप कुमार नायक