
पटना:
बिहार में चुनावी माहौल गर्म है और बयानबाज़ी तेज़ होती जा रही है। हाल ही में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा दिए गए ‘जमाई आयोग’ बयान पर अब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने तीखा पलटवार किया है।
नित्यानंद राय ने कहा,
“तेजस्वी यादव को बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। आयोगों में नियुक्तियाँ पारिवारिक संबंधों के आधार पर नहीं, बल्कि काबिलियत और योग्यता के आधार पर हुई हैं। यह बयान सिर्फ जनता को गुमराह करने की साजिश है।”
तेजस्वी पर निजी हमला और RJD पर परिवारवाद का आरोप
नित्यानंद राय ने कहा कि तेजस्वी खुद एक ‘परिवारवादी पार्टी’ का चेहरा हैं। उन्होंने कहा:
“राजद अब एक राजनीतिक दल नहीं, बल्कि एक पारिवारिक संगठन बन गया है — लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, रोहिणी आचार्य और खुद तेजस्वी… पूरा परिवार किसी न किसी पद पर बैठा है।”
मोदी की सिवान रैली को बताया ऐतिहासिक कदम
20 जून को सिवान में होने वाली पीएम मोदी की विशाल रैली पर बात करते हुए नित्यानंद राय ने कहा,
“यह रैली ऐतिहासिक होगी। इससे बिहार में नई राजनीतिक दिशा तय होगी। प्रधानमंत्री मोदी के दिल में बिहार के लिए विशेष स्थान है, और यहां की जनता उन्हें परिवार का हिस्सा मानती है।”
राजनीति के केंद्र में आ गया ‘जमाई आयोग’
तेजस्वी यादव का यह विवादास्पद बयान एनडीए को मुद्दा देने का काम कर रहा है। भाजपा ने इसे विपक्ष की हताशा और भ्रम फैलाने की कोशिश बताया है। वहीं राजद का दावा है कि वह सरकार में पारदर्शिता की कमी को उजागर कर रहा है।
राजनीतिक विश्लेषण:
यह बयानबाज़ी साबित करती है कि बिहार में आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक ध्रुवीकरण और व्यक्तिगत हमले दोनों बढ़ने वाले हैं। ‘जमाई आयोग’ अब केवल एक शब्द नहीं, बल्कि राजनीतिक बहस का केंद्र बिंदु बन गया है।