
आतंकी हमले के बाद एक्शन में सेना, आतंकियों के उड़ाए घर; क्या सच में BSF ने बॉर्डर के किसानों से ऐसा कहा?
Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश है। हमले के खिलाफ देश भर में कैंडल मार्च और विरोध-प्रदर्शन के जरिए पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है। भारतीय सेना भी एक्शन के मूड में है। सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उनके घरों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया है। सुरक्षा बलों की कार्रवाई में अब तक लश्कर-ए-तैयबा के छह आतंकियों के घरों को ध्वस्त किया गया है।
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने आतंकियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस हमले के बाद पीएम मोदी ने कहा था कि आतंकवादियों को चुन-चुनकर मारेंगे। इसके बाद भारतीय सेना पूरी तरह एक्शन में है। पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों और उसका सहयोग करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। घाटी में अब तक लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के 6 आतंकवादियों के घरों को ध्वस्त कर दिया गया है। ताजा मामले में कुपवाड़ा जिले के नारिकूट कलारूस इलाके में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी कमांडर फारूक अहमद तड़वा का घर नष्ट कर दिया गया है। फारूक अहमद तड़वा पाकिस्तान से अपनी आतंकी गतिविधियां संचालित कर रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पिछले तीन दिनों में सक्रिय आतंकी का यह छठा घर उड़ाया गया है।
श्रीनगर में 63 आतंकवादी सहयोगियों के आवासों पर छापेमारी
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के मददगारों पर भी पुलिस और सेना ने धावा बोल दिया है। इसी कड़ी में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की सहायता करनेवालों के घरों पर छापा मारा गया। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शहर के अलग-अलग स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। यह तलाशी अभियान उन ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) और आतंकवादी सहयोगियों के घरों पर किया गया, जो प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से जुड़े हैं और जिनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामले दर्ज हैं। पुलिस ने शनिवार को कहा कि उसने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) और आतंकवादी सहयोगियों के आवासों पर शहर भर में कई स्थानों पर व्यापक तलाशी ली और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज मामलों की जांच को आगे बढ़ाया।
पंजाब के बॉर्डर इलाकों में खेत खाली करने का आदेश
वहीं, पंजाब से लगते भारत-पाक बॉर्डर पर अलर्ट जारी है और बीएसएफ ने सुरक्षा और निगरानी कड़ी कर दी है। पंजाब के अमृतसर, फिरोजपुर, गुरदासपुर, पठानकोट जिले पाकिस्तानी सीमा से लगते हैं। इसी बीच अमृतसर के बॉर्डर से लगते गांव रोड़ां वाला के गुरुद्वारे से एलान किया गया कि जो किसान बॉर्डर फेंस के पार खेती करते हैं, उन्हें अगले दो दिनों में अपना काम निपटा लेना चाहिए। किसानों ने दावा किया कि बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की तरफ से ये निर्देश दिया गया है। हालांकि, अमृतसर की डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने ऐसे किसी भी निर्देश से साफ इनकार किया है। उपायुक्त साक्षी साहनी ने बीएसएफ के उच्च अधिकारियों से बातचीत के आधार पर स्पष्ट किया कि यह पूरी तरह झूठ और भ्रामक सूचना है। उन्होंने जनता से अपील की कि वो ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी सूचना के संबंध में सत्यापन केवल आधिकारिक सूत्रों से करें।
किसानों ने किया था ये दावा
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों ने बात करते हुए बताया था कि बीएसएफ ने कहा कि दो दिन बाद बॉर्डर के गेट नहीं खोले जाएंगे, इसलिए किसान जल्द से जल्द अपनी फसल काट लें। रोड़ां वाला खुर्द गांव के सरपंच तरसेम सिंह ने खुद दावा किया कि बीएसएफ के निर्देश पर गांव में गुरुद्वारों से मुनादी करवाई गई है। सरपंच तरसेम सिंह ने कहा, ‘जो भी किसान फेंस के पार खेती करते हैं, वे दो दिन के अंदर अपना काम खत्म कर लें। हम BSF के साथ हैं और जो कुछ पहलगाम में हुआ, वह बेहद दुखद है।’
BSF ने क्विक रिएक्शन टीमों को किया सक्रिय
पंजाब के पठानकोट से लेकर फाजिल्का तक 553 किलोमीटर लंबी सीमा पर सेना की गतिविधियां अचानक बढ़ गई हैं। बीएसएफ के जवानों की ओर से बॉर्डर के साथ-साथ लगते गांव में गश्त बढ़ा दी गई है। साथ ही घोषणा भी करवाई जा रही है कि गांव वालों को किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिलती है तो तुरंत पुलिस और बीएसएफ के जवानों को सूचित करें। गांव के लोगों को भी पूरी तरह से अलर्ट रहने की अपील की गई है। बीएसएफ ने अपनी क्विक रिएक्शन टीमों को सक्रिय कर दिया है।