
पटना : जनता दल (यूनाइटेड) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कई महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रस्तावों पर मुहर लगी है। इस बैठक में पार्टी संगठन पर विचार किया जा रहा है वहीं बड़े पैमाने पर सदस्यता अभियान की कवायद भी की जा रही है। बैठक में महागठबंधन का हिस्सा बनने के सम्बन्ध में प्रस्ताव पारित किया गया। जबकि ‘अटल आचार संहिता’ का हवाला देकर बीजेपी के खिलाफ भी प्रस्ताव लाया गया।
सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में बैठक के यह चर्चा की गई कि 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के षड़यंत्र से ही जेडीयू की सीटें कम हो गयी। हमारा वोट उनको मिला लेकिन उनका वोट हमें नहीं मिला। जेडीयू के कार्यकर्ता जहां बीजेपी को जिताने में लगे हुए थे वहीं दूसरी तरफ बीजेपी एक क्षेत्रीय दल के उम्मीदवारों के साथ साजिश रचने में लगी थी जो उन्हीं के लोग थे।
बैठक में NDA से अलग होने की वजहों पर विस्तार से चर्चा करते हुए आरसीपी सिंह और बीजेपी की साजिश की भी चर्चा की गयी। कहा गया कि 2019 में बीजेपी ने केन्द्र में सीएम नीतीश कुमार की समानुपातिक भागीदारी की मांग को दरकिनार कर तत्कालीन जेडीयू के राज्यसभा सांसद को केन्द्र में मंत्री बना दिया गया और गुप्तरुप से उनका इस्तेमाल जेडीयू को कमजोर करने के लिए किया जाने लगा।
मीटिंग में कहा गया कि पहले तो विशेष राज्य के दर्जे की मांग को तो ठुकरा ही दिया गया साथ ही साथ गठबंधन धर्म के साथ भी खिलवाड़ किया गया। अरुणाचल में सात विधायकों में छह को तोड़कर बीजेपी ने पार्टी में शामिल कर लिया। पार्टी की तरफ से कहा गया कि बीजेपी ने ‘अटल-आचार-संहिता’ का पालन नहीं किया। पार्टी को आशंका थी कि अगले चुनाव में बीजेपी जेडीयू को धोखा दे सकती थी। इसके अलावे बीजेपी के तमाम नेता जेडीयू के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे थे।
बैठक में महागठबंधन के साथ जाने संबंधी राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित किया गया। कहा गया कि बीजेपी के साजिशों के परिपेक्ष्य में ही एनडीए गठबंधन से अलग हो महागठबंधन की सरकार बनाने की बात सामने आयी। सात दलों – जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस, माल, सीपीआई, सीपीएम और हम के साथ मिलकर सरकार बनायी गयी जो मजबूती के साथ चल रही है। इस निर्णय से बिहार की जनता में भी खुशी का माहौल है।
कार्यकारिणी की बैठक में कहा गया कि बीजेपी अनावश्यक रुप से समाज में तनाव और सहिष्णुता का माहौल बनाने में लगी है। वह अल्पसंख्यकों और समाज के अन्य तबकों में भय पैदा कर उसका राजनीतिक लाभ लेने की साजिश कर रही थी, जिसे महागठबंधन की एकजुटता ने विफल कर दिया। वहीं बैठक में सीएम नीतीश कुमार को पार्टी का सर्वमान्य नेता बताते हुए उनके नेतृत्व में कदम से कदम मिला कर चलने का संकल्प लिया गया।